असम में हत्याकांड के बाद तनाव के हालात
६ अक्टूबर २००९सात लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. ये वारदात सोनितपुर ज़िले के बालीचुंग दीमाजुली गांव में हुई जहां हत्याकांड के बाद लोगों में भारी रोष है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम सरकार के अनुरोध पर सीआरपीएफ की टुकड़ियां भेजी हैं.
सूत्रों के मुताबिक गुस्साए लोगों ने तीर और धनुषों से लैस होकर राज्य के पुलिस महानिदेशक शंकर बरुआ के काफ़िले पर भी हमला कर दिया था. वो घटना का जायज़ा लेकर तेज़पुर लौट रहे थे. प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा गार्डों की फायरिंग में तीन लोग घायल भी हुए. डीजीप की पायलट कार भी क्षतिग्रस्त हो गई.
इससे पहले गुस्साए लोगों ने बालीचुंग पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया और कई मकानों को आग के हवाले कर दिया. मजिस्ट्रेट का एक वाहन भी लोगों के गुस्से की चपेट में आ गया.
असम के मुख्यमंत्रई तरुण गोगोई ने हत्याकांड की निंदा करते हुए मरने वालों के परिजनों को तीन तीन लाख रुपये का मुआवज़ा देने का एलान किया है. घायलों को 50 50 हज़ार रुपए मिलेंगे. गोगोई का कहना है कि ये हमला गुट के उस धड़े ने किया है जो शांति वार्ता का विरोधी है.
इस बीच सेना ने पुलिस के साथ आसपास की पहाड़ियों में चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए सघन तलाशी अभियान छेड़ा हुआ है.
उधर राज्य के कई सामाजिक संगठनों और छात्र गुटों ने हत्याकांड के विरोध में सोनितपुर ज़िले में मंगलवार को बंद का आह्वान किया है.
रिपोर्ट- पीटीआई/एस जोशी
संपादन- ओ सिंह