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अहम सबूत छोड़ गए मुंबई हमलावर

२६ मई २०११

मुंबई हमलों की मुकम्मल योजना के बावजूद हमलावरों ने कुछ अहम सबूत छोड़े जिससे भारतीय जांच एजेंसियों को उन्हें पकड़ने में आसानी हुई. शिकागो के अदालत में डेविड हेडली ने अपने बयान में यह बात मानी.

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तस्वीर: DPA

कानूनी दस्तावेजों के मुताबिक लश्कर ए तैयबा ने अपनी तरफ से पक्की योजना बनाई थी लेकिन हमले में शामिल दस लोगों ने कई गलतियां की जिससे भारतीय खुफिया एजेंसियों को हमलों के बारे में जानकारी मिल सकी. लश्कर के मास्टरमाइंड साजिद मीर ने डेविड हेडली के साथ बातचीत में यह बात मानी है. अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, "साजिद ने हेडली से कहा कि समाचार रिपोर्टों के बावजूद केवल दस हमलावर थे. उसने हेडली को बताया कि लश्कर के वरिष्ठ सदस्य अबू कहाफा ने हमलावरों को विस्फोटक पदार्थों की ट्रेनिंग दी थी और कहा था कि वे बमों को टैक्सियों में रखें ताकि भारतीय अधिकारियों में हलचल मच जाए."

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शिकागो अदालत में हेडलीतस्वीर: AP

अहम सबूत छोड़ गए

हेडली के साथ एक और मुलाकात में साजिद ने कहा कि कुछ हमलावरों ने उसके आदेशों का पालन नहीं किया और उस नाव को डुबाना भूल गए जिसके जरिए वे भारत आए थे. साजिद ने कहा कि एक हमलावर गलती से नाव में अपना सैटेलाइट फोन छोड़ आया. लिखा है, "भारतीय अधिकारियों ने इस नाव को ढूंढ निकाला और फोन मिलने पर इसे एफबीआई को सौंप दिया जिसने इसकी जांच की. फोन में 'वसी' के नाम से दो नंबर थे. 24 नवंबर 2008 में वसी को इस नंबर से संपर्क किया गया था और वसी ने नवंबर 25 को इस नंबर पर फोन किया था."

साजिद ने हेडली से यह भी कहा कि एक हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने इस हमलावर को छुड़ाने की कोशिश की थी. साजिद ने चवाड हाउस में एक आतंकवादी से संपर्क किया और कहा कि वह इस्राएली दूतावास से बात करे और इसे छुड़ाने की कोशिश करे. साजिद के मुताबिक लियोपोल्ड कैफे को निशाने के तौर पर इसलिए चुना गया क्योंकि वह ताज महल होटल के पास था और उसने हमलावरों से कहा था कि कैफे पर हमले के बाद वे होटल को निशाना बनाएं. 2009 में हेडली और साजिद एक दूसरे के संपर्क में रहे. 3 जुलाई 2009 को हेडली को साजिद का एक ईमेल मिला जिसमें साजिद ने 'निवेश योजनाओं' की बात की. यह योजनाएं वास्तव में और आतंकवादी हमलों के बारे में थीं. जवाब में हेडली ने लिखा, "तुमने कहा था कि सारी योजनाएं लंबे समय तक स्थगित हो गई हैं तो मैंने सोचा कि मैं आराम कर लूं." साजिद ने कहा कि वह अपनी योजना के तहत 'राहुल' से मिलना चाहता है, जो भारत के लिए कोड है. हेडली औऱ साजिद 2009 में डेनमार्क पर भी हमले की तैयारी कर रहे थे.

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तस्वीर: AP

आईएसआई ने दी ट्रेनिंग

शिकागो में सुनवाई के दौरान हेडली ने कहा, "आईएसआई ने मुझे (खुफिया) ट्रेनिंग दी." शिकागो में हेडली के साथ मुंबई हमलों की साजिश में पकड़े गए तहव्वुर राना की सुनवाई के तीसरे दिन अभियोक्ता ने हेडली से हमले की योजना को लेकर कुछ सवाल किए. हेडली ने हमलों की साजिश में अपनी भूमिका मान ली है. बुधवार को अमेरिकी सरकारी वकीलों ने सुनवाई के दौरान दिए गए बयानों को सार्वजनिक किया.

अभियोजन पक्ष के वकील चार्ल्स डी स्विफ्ट के सवालों का जवाब देते हुए हेडली ने कहा कि आईएसआई ट्रेनिंग उन्हें मेजर इकबाल ने दी और यह लाहौर एयरपोर्ट के पास एक दो मंजिले मकान में किया गया. हेडली ने कहा, जब वह 2006 में इकबाल से मिला, तो लश्कर ए तैयबा की सैन्य ट्रेनिंग को लेकर इकबाल ने कहा कि वह 'बहुत अच्छा नहीं है' और बहुत ही 'बेसिक' है. हेडली ने कहा कि मेजर इकबाल कभी भी अपने यूनिफॉर्म में नहीं आते थे और बार बार पूछताछ के बाद भी उसने कहा कि इकबाल का पूरा नाम उसे पता नहीं था. हेडली के मुताबिक मेजर इकबाल चाहता था कि वह भारत जाए और बिजनेस शुरू करे. वे इस बात से बहुत खुश थे कि वह अमेरिका में पैदा हुआ था औऱ अमेरिकी नागरिक था.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः उभ

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