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आईएसआई का आतंकियों से गठजोड़ः हेडली

२४ मई २०११

मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमलों के आरोप में अमेरिका में पकड़े गए डेविड हेडली ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर साफ तौर पर अंगुली उठाते हुए कहा है कि आईएसआई आतंकवादी संगठनों को वित्तीय और सैनिक मदद देती है.

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तस्वीर: AP

अमेरिका की अदालत में तहव्वुर राना की सुनवाई के दौरान डेविड कोलमैन हेडली ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को वित्तीय, सैनिक और नैतिक सहायता देती है. मुंबई के आतंकवादी हमलों के बारे में बताते हुए उसने अदालत में कहा, "मैं समझता हूं कि ये ग्रुप एक ही गठजोड़ के तहत काम करते हैं. वे एक दूसरे का सहयोग करते हैं."

हेडली ने बताया कि आईएसआई के मेजर इकबाल नाम के एक अफसर का उससे संपर्क था और इकबाल ने 26/11 के आतंकवादी हमलों की तैयारी के लिए उसे 25,000 डॉलर (लगभग 12 लाख रुपये) दिए. हेडली ने अदालत में कहा, "मैंने उसे बताया कि मैंने किस तरह की आतंकवादी ट्रेनिंग की है, जिसके बाद उसने मुझे कहा कि वह लश्कर से जुड़ा हुआ है."

हेडली का कहना है कि 2003 में उसने इकबाल को बताया कि वह एक आतंकी साजिश पर काम कर रहा है. इसके बाद इकबाल ने उससे कहा कि वह इससे ज्यादा अहम प्रोजेक्ट पर काम करे, जिसके लिए आईएसआई ने तैयारी की है.

हेडली का कबूलनामा

पिछले साल मार्च में हेडली ने 12 आतंकवादी आरोपों को स्वीकार किया. इसके बदले उसे गारंटी दी गई है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी और उसे भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा. हेडली ने मुंबई में आतंकवादी हमले के लिए जगहों की रेकी की थी. 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए. यह हमला करीब तीन दिनों तक चलता रहा.

हेडली के इन खुलासों के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में और दरार आ सकती है. अमेरिका ने दो मई को इस्लामाबाद के पास एबटाबाद शहर में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. अमेरिका का कहना है कि बिन लादेन इस शहर में पांच छह साल से रह रहा था. इस घटना के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते कड़ुवे हो गए हैं और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी सवालों के घेरे में है.

आईएसआई पर घेरा

अमेरिका ने आईएसआई के नुमाइंदों पर 26/11 के आतंकवादी हमलों के सिलसिले में आरोप लगाए हैं. लेकिन यह तय नहीं है कि वे अपने दम पर इन योजनाओं को बना रहे थे या उनके वरिष्ठ अफसर भी उनका साथ दे रहे थे. वॉशिंगटन में पैदा हुए डेविड हेडली ने माना है कि उसने हमलों की तैयारी के लिए कई महीने मुंबई में बिताए. उसकी योजना डेनमार्क के कार्टूनिस्ट की हत्या करने की भी थी, जिसने 2005 में विवादित कार्टून बनाए थे.

किसी फिल्मी कहानी की तरह हेडली ने लगभग दो साल तक मुंबई का जायजा लिया. इस दौरान उसने समुद्री रास्तों का खाका तैयार किया और बॉलीवुड की हस्तियों से दोस्ती तक गांठी ताकि उसके बारे में किसी को पता न चल पाए. उसका असली नाम दाऊद गिलानी है और वह पाकिस्तान के एक राजनयिक का बेटा है. उसकी मां अमेरिकी है. अपनी पहचान छिपाने के लिए कुछ साल पहले उसने नाम बदल लिया.

मुंबई पर आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार साल से चल रही बातचीत भी खटाई में पड़ गई और दोनों देश युद्ध की कगार पर पहुंच गए. हेडली के साथ उसके दोस्त तहव्वुर राना को भी गिरफ्तार किया गया है.

हेडली का धोखा

कनाडा के नागरिक राना की सुनवाई सोमवार को हुई, जिसमें हेडली ने ये बयान दिए. लेकिन राना के वकीलों का कहना है कि राना को लग रहा था कि वह आतंकवादियों की नहीं, बल्कि आईएसआई की मदद कर रहा है. बचाव पक्ष के वकील चार्ली स्विफ्ट ने अदालत में कहा, "हेडली एक शातिर व्यक्ति है, जिसने डॉक्टर राना को बेवकूफ बनाया. सवाल यह है कि क्या इस मुकदमे के आखिर में वह हम सबको बेवकूफ बना देगा. मुझे नहीं लगता है."

लेकिन सरकारी वकील ने कहा कि राना को पता था कि वह क्या कर रहा है और मुंबई हमलों के बाद उसने इसकी तारीफ की थी. अमेरिकी वकील सारा स्ट्राइकर ने कहा, "राना को पता था कि हेडली क्या कर रहा है और उसने उसकी मदद की. एक जटिल हमले में हर कोई हथियार नहीं उठाता है. लेकिन इस हमले में मदद करने वाला भी बराबर का दोषी होता है."

हेडली 2002 में लश्कर में शामिल हो गया और उसने अगले तीन साल के दौरान पांच बार ट्रेनिंग कैंपों में हिस्सा लिया. बाद में जब लश्कर ए तैयबा मुंबई हमलों की तैयारी में बहुत व्यस्त हो गया तो उसने अल कायदा से जुड़े पाकिस्तानी संगठन हरकतुल जिहादल इस्लामी से नाता जोड़ लिया और डेनमार्क के कार्टूनिस्ट की हत्या की साजिश रचने लगा.

50 साल के हेडली को अक्तूबर 2009 में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह शिकागो एयरपोर्ट से पाकिस्तान फरार हो रहा था. उसके पास डेनमार्क के कार्टूनिस्ट की हत्या की साजिश की तैयारी से जुड़े 13 वीडियो भी थे. राना की अदालती कार्रवाई चार हफ्ते तक चलेगी.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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