आखिरी मुकाबला बस कुछ देर में
२ अप्रैल २०११डे नाइट मुकाबला तय करेगा कि भारत और श्रीलंका में दूसरी बार क्रिकेट का विश्वविजेता कौन बनेगा. यह पहला मौका है जब वर्ल्ड कप के फाइनल में दोनों एशियाई टीमें भिड़ रही हैं. कई विशेषज्ञ इसे क्रिकेट का नया युग करार दे रहे हैं.
टॉस की भूमिका भी अहम है. पिच क्यूरेटर का कहना है कि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को मजा आएगा. बाद में गेंद अच्छी खासी स्पिन होने लगेगी. वानखेड़े में रात में बल्लेबाजी करते हुए बड़े लक्ष्य का पीछा करना बहुत मुश्किल होता है. अब तक रात में वानखेड़े में रात में खेलने वाली टीम सबसे ज्यादा 250 रन ही बना सकी है. लक्ष्य का पीछा करते हुए हासिल की गई सबसे बड़ी जीत सिर्फ 225 रन की है. यह भी श्रीलंका के नाम है. जाहिर है इन समीकरणों के बीच टॉस की भूमिका अहम होगी. दोनों ही टीमों के पास अच्छे स्पिनर हैं. लेकिन जो टीम रात में गेंदबाजी करेगी, उसे कुदरत और पिच से मदद भी मिलेगी.
दोनों ही टीमों में कुछ बदलाव हो चुके हैं. चोट के चलते भारत की तरफ से आशीष नेहरा बाहर हुए हैं और श्रीलंका को चोटिल एंगेलो मैथ्यूज के बिना उतरना पड़ रहा है. श्रीलंका को मैथ्यूज की कमी ज्यादा खलेगी, वह अक्सर भारत के खिलाफ सफल रहे हैं.
महामुकाबले में नजरें भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की नजर सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और हरभजन सिंह पर रहेगी. वहीं श्रीलंका को तिलकरत्ने दिलशान, तंरगा, मुरली और मलिंगा पर भरोसा है. दोनों ही टीमों के कप्तान जीत के प्रति आशावादी दिख रहे हैं.
टीम इस प्रकार हैः
भारतः महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, एस श्रीसंत, आर अश्विन, मुनाफ पटेल.
श्रीलंकाः कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, उपुल तरंगा, महेला जयरवर्धने, चमारा सिल्वा, थिलान समरवीरा, थिसारा परेरा, लसित मलिंगा, नोआन कुलशेखरा, मुथैया मुरलीधरन, सूरज रांदीव, रंगना हेरथ.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल