आतंकी चोट से लहुलूहान होता रूस
२४ जनवरी २०११चेचन्या की आग से जूझ रहे रूस में 2008 के बाद से अचनाक आतंकवादी हमलों की बाढ़ सी आई है. आए दिन धमाके हो रहे हैं. एक नजर 1995 से अब तक रूस पर हुए बड़े आतंकवादी हमलों पर.
जून 1995: बुंडेनोव्सक शहर में बंधक कांड. विद्रोहियों समेत 100 की मौत.
जनवरी 1996: दागेस्तान में बस को बंधक बनाया. विद्रोहियों भागे, सभी यात्रियों की मौत.
नवंबर 1996: कास्पियास्क में सैन्य आवास की इमारत उड़ाई गई, 64 की मौत.
मार्च 1999: व्लादिकावकाज में बाजार में धमाका, 50 की मौत.
अगस्त/सितंबर 1999: दागेस्तान में सैकड़ों रूसी सैनिकों और विद्रोहियों समेत हजारों की मौत.
जून 2000: चेचन्या में रूसी सेना के बेस पर पांच आत्मघाती हमले हुए, कम से कम 54 लोगों की मौत हुई.
मार्च 2001: तीन शहरों में कार बम धमाके हुए, 28 की मौत.
अक्टूबर 2002: मॉस्को थिएटर में बंधक कांड. 141 बंधकों और 42 चेचन विद्रोहियों की मौत.
दिसंबर 2002: ग्रोज्नी में विस्फोटकों से भरे एक ट्रक ड्राइवर ने सरकारी इमारत में घुसकर खुद को उड़ा दिया, 60 की मौत.
जुलाई 2003: जुड़वा महिला आतंकवादी हमलावरों ने मॉस्को के हवाई अड्डे के पास खुद को उड़ा दिया. 15 की मौत.
फरवरी 2004: मॉस्को की अंडर ग्राउंड ट्रेन में आत्मघाती हमला, 39 की मौत.
सितंबर 2004: बेसलान के एक स्कूल में ज्यादातर बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया. जवाबी कार्रवाई में कम से कम 331 की मौत.
अगस्त 2006: मॉस्को के उपनगर में बाजार में हमला, 10 की मौत.
नवंबर 2009: नेवस्की एक्सप्रेस ट्रेन की पटरी पर धमाका, 26 की मौत.
मार्च 2010: मॉस्को के मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ भाड़ वाले समय में दो धमाके, 40 की मौत.
रिपोर्ट:रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल