आतंकी पनाहगाह बर्दाश्त नहीं की जाएंगीः ओबामा
२३ जून २०११पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए ओबामा ने कहा, "किसी को चरमपंथी हिंसा से इतना खतरा नहीं है. हम हिंसक चरमपंथ के कैंसर को खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सरकार के साथ मिल कर काम करेंगे और हम जोर देंगे कि पाकिस्तान अपने वादों को निभाए." अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान से अगले साल तक 33 हजार सैनिकों की वापसी की घोषणा करते हुए यह बात कही.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अमेरिकी आतंकवादियों की पनाहगाहों पर आगे भी हमले करने को तैयार है. उनके मुताबिक, "जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, तब तक इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि उन लोगों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो हमें मारने की सोच रहे हैं. वे हमें धोखा नहीं दे सकते और इंसाफ से बच भी नहीं सकते."
ओबामा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 2 मई को एबटाबाद में अमेरिकी टुकड़ी नेवी सील की कार्रवाई में अल कायदा नेता ओसामा बिन की मौत के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ किया कि उनकी सरकार इस बात के लिए बराबर दबाव बनाए रखेगी कि पाकिस्तान युद्ध से तबाह इलाके में शांति कायम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा योगदान दे. बुधवार को ओबामा की घोषणा से पहले पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से उनकी टेलीफोन पर बात हुई.
अमेरिकी सरकार मानती है कि अब अफगानिस्तान से नहीं बल्कि पाकिस्तान से आतंकवादी हमलों का खतरा है. ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "हमें पिछले सात या आठ साल से अफगानिस्तान से कोई आतंकवादी खतरा नहीं नजर आया. अफगानिस्तान में लड़ाई होती रही हैं और वहां खतरा देश के भीतर ही रहा, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान से खतरा पैदा हो रहा है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम