आर्थिक विकास के कारण जर्मनी का घाटा घटा
२४ फ़रवरी २०१२जर्मनी में पिछले साल आर्थिक मोर्चे पर अच्छे नतीजों के कारण सरकार को कर से रिकॉर्ड आमदनी हुई है. इसके अलावा बेरोजगारी दर गिरने से सामाजिक बीमा प्रणाली में भी अधिक उगाही हुई है जबकि बेरोजगारों पर कम खर्च करना पड़ा है. नतीजतन जर्मनी का बजट घाटा अनुमानित 106 अरब यूरो से घट कर 26 अरब यूरो रह गया है. सांख्यिकी कार्यालय ने ये जानकारी देते हुए कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र का घाटा सिर्फ 1 फीसदी होगा. जर्मनी ने यूरोपीय स्थिरता संधि में तय सीमा पार नहीं की है.
यूरोपीय संघ की स्थिरता संधि में तय है कि सदस्य देशों को राष्ट्रीय उत्पाद के तीन प्रतिशत से ज्यादा का कर्ज नहीं लेना चाहिए. 2010 में जर्मनी का बजट घाटा 4.3 फीसदी था जबकि 2009 में जर्मनी ने साल का खर्च चलाने के लिए 3.2 फीसदी कर्ज लिया था. पिछले दिनों यूरोपीय संघ के बहुमत देशों ने राजस्व संधि कर बेरोकटोक कर्ज लेने वाले देशों पर स्वतः प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
हालांकि सरकारी आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल नए कर्ज में कमी नहीं होगी. जर्मन केंद्रीय बैंक बुंडेसबांक ने फिर से 1 प्रतिशत बजट घाटा रहने का अनुमान लगाया है. कर उगाही का अनुमान लगाने वाले सरकारी विशेषज्ञों में शामिल येंस बॉयजेन होग्रेफे ने भी कहा है, "हम माइनस से बाहर नहीं निकल पाएंगे." जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले इस साल ज्यादा नया कर्ज लेना चाहते हैं और प्रांतों का घाटा भी बना रहेगा. होग्रेफे कहते हैं, "इसके अलावा अरबों यूरो का जोखिम भी है."
गैर सरकारी वित्तीय संस्थाएं ग्रीस का 107 अरब यूरो का कर्ज माफ कर रही हैं. इनमें जर्मनी के बैंक भी शामिल हैं. वे यह खर्च दिखा कर कर में छूट हासिल करेंगे जिसका नुकसान सरकार को भुगतना होगा. इसके अलावा वित्तीय संकट के बाद सरकार ने एचआरई बैंक का राष्ट्रीयकरण कर लिया था. मालिक के रूप में उनका जोखिम भी सरकार को भुगतना होगा. वेस्ट एलबी बैंक का घाटा जर्मन प्रांत नॉर्थ राइन वेस्टफैलिया को ढोना होगा.
इस साल आर्थिक मोर्चे पर मौजूद जोखिमों में विकास की गति का टूटना भी शामिल है. पिछले साल के अंत में निर्यात में कमी और उपभोक्ता मालों की खपत कम होने से सकल घरेलू उत्पादन में 0.2 फीसदी का नुकसान हुआ. कमजोर आर्थिक विकास के कारण जनवरी में केंद्र और राज्य सरकारों की आय में 0.4 फीसदी की कमी आई. वित्त मंत्रालय ने कहा, "हर महीने आय में हो रही वृद्धि का सिलसिला रुक गया."
लेकिन हाल में हुए आकलनों के अनुसार कमजोर विकास का यह समय जल्द ही खत्म हो जाएगा. आर्थिक विकास का भरोसेमंद माना जाने वाला इफो सूचकांक लगातार चौथे महीने ऊपर चढ़ा. इसलिए ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि कर से होने वाली आय बढ़ेगी और ऊंचे रोजगार के कारण सामाजिक बीमा का खजाना भरा रहेगा.
कम बेरोजगारी के कारण 2011 में सामाजिक बीमा कंपनियों को 15 अरब यूरो का फायदा हुआ. स्थानीय प्रशासनों को भी 80 करोड़ यूरो का मुनाफा हुआ. इसके विपरीत प्रांतीय सरकारों को 15 अरब यूरो का नुकसान हुआ और केंद्र सरकार को कुल मिलाकर 26 अरब का घाटा हुआ.
रिपोर्टः रॉयटर्स/महेश झा
संपादनः एन रंजन