आर्मस्ट्रांग की बादशाहत छिनने का खतरा
११ जुलाई २०१२अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी (यूएसएडीए) ने दावा किया है कि जिन सालों में आर्मस्ट्रांग ने टूअर दे फ्रांस का खिताब जीता, वे लगातार नशीली दवाओं का सेवन कर रहे थे. आर्मस्ट्रांग के वकीलों ने पहले ही मुकदमा दायर कर दिया था. सोमवार को डिस्ट्रिक्ट जज सैम स्पार्क्स ने अस्सी पेज लम्बी मुकदमे की याचिका को "लम्बा और बहुत ज्यादा विवादित" बताते हुए नई याचिका दायर करने के लिए बीस दिन का समय दिया. मंगलवार को ही वकीलों ने नई 25 पेज लम्बी याचिका दायर कर दी.
आर्मस्ट्रांग को शनिवार तक का समय दिया गया था कि या तो वह एंटी डोपिंग एजेंसी के दावे को चुनौती दें या उसे स्वीकार लें. यदि उन पर नशीली दवाएं लेने की बात सच साबित हो जाती है तो उन्हें टूअर दे फ्रांस में जीते अपने सातों मेडल त्यागने होंगे. साथ ही उन पर आजीवन पाबंदी भी लगा दी जाएगी.
यूएसएडीए एक अर्धसरकारी एजेंसी है, जिसे साल 2000 में कांग्रेस ने बनाया. आरोप तय होने पर सजा यूएसएडीए के नियमों के तहत ही दी जाएगी. हालांकि अदालत के पास एजेंसी की सजा को खारिज करने का अधिकार है. आर्मस्ट्रांग के वकीलों का दावा है कि यूएसएडीए ने दूसरे खिलाड़ियों को धमकाकर उन्हें आर्मस्ट्रांग के खिलाफ बयान देने पर मजबूर किया है. वकीलों का यह भी कहना है कि यूएसएडीए ने निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि एजेंसी के पास आर्मस्ट्रांग के खिलाफ आरोप तय करने का कोई अधिकार ही नहीं है.
इसके जवाब में यूएसएडीए ने सोमवार को कहा कि आर्मस्ट्रांग ने जो मुकदमा दायर किया है वह बेबुनियाद है और यूएसएडीए खेल और खिलाड़ियों की एकता को बचाए रखने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार काम कर रही है. मंगलवार को आर्मस्ट्रांग के तीन साथियों पर आरोप तय हुए और उन पर आजीवन रोक लगा दी गई है. इनमें टीम डॉक्टर लुईस गार्सिया देल मॉरल, कंसल्टिंग डॉक्टर मिशेल फेरारी और ट्रेनर होसे पेपे मार्टी शामिल हैं. यूएसएडीए ने इन्हें कई नियमों के उल्लंघन में आरोपी पाया है.
आईबी/एनआर (एएफपी)