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आसान नहीं पाक के साथ निभानाः अमेरिका

१६ जून २०११

अमेरिका ने माना है कि पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते बहुत जटिल हैं, लेकिन फिर भी मजबूत बने हुए हैं. ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनाव के शिकार हैं जिसे दूर करने पर खासा जोर दिया जा रहा है.

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तस्वीर: AP

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, "हमारे बीच सहयोग बहुत जरूरी है जो आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ जंग के लिए बहुत अहम है. पाकिस्तान के साथ हमारा सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है. ये जटिल भी है."

बुधवार को न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ऐसे पांच पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जिनकी मदद से सीआईए को बिन लादेन के ठिकाने के बारे में पता चला और फिर एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य अभियान में उसे मार गिराया गया. गिरफ्तार लोगों में सेना का एक मेजर भी बताया जाता है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने इस खबर पर टिप्पणी करने से गुरेज किया है. उन्होंने इतना ही कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ हमारे मजबूत रिश्ते हैं. जब मुद्दे उठते हैं तो हम उनके साथ काम करते हैं." उनका कहना है कि एबटाबाद अभियान के बाद दोनों देशों के संबंधों में सघनता आई है जो सभी मुद्दों पर काम करने की उनकी वचनबद्धता को जाहिर करती है.

अमेरिकी प्रवक्ता के मुताबिक, "हम रिश्तों से जुड़ी चुनौतियों की अकसर बात करते रहे हैं लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि पाकिस्तान और अमेरिका को एक दूसरे की जरूरत है. हमें मिल कर इन चुनौतियों से निपटना है, क्योंकि यही हमारे दीर्घकालिक और लघुकालिक हित में है." पाकिस्तानी सेना इस बात से इनकार करती है कि एबटाबाद अभियान के सिलसिले में किसी सैन्य मेजर की भूमिका है.

ओसामा बिन लादेन कई साल से पाकिस्तानी शहर एबटाबाद में रह रहा था जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी पूरी दुनिया में उसे तलाश कर रहे थे. पश्चिमी देश सवाल कर रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान में अहम सहयोगी होने के नाते पाकिस्तान ने इसकी खबर क्यों नहीं दी. पाकिस्तान की दलील है कि उसे भी बिन लादेन की मौजूदगी का पता नहीं था. लेकिन यह दलील पाकिस्तान सेना और सरकार की क्षमताओं पर सवाल उठाती है.

इसके अलावा पाकिस्तान इस बात पर नाराज है कि उसके इलाके में बिन लादेन पर कार्रवाई से पहले उसे जानकारी क्यों नहीं दी गई. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 11 सितंबर 2011 के आतंकी हमलों के सरगना बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया. उन्होंने साफ किया है कि अगर फिर कोई ऐसा आतंकवादी पाकिस्तान में मिला, तो इसी तरह कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पाकिस्तान पर इस बात के लिए भी दबाव बनाया है कि आतंकी सरगना कैसे बरसों तक पाकिस्तान के अति सुरक्षा वाले एबटाबाद शहर में रहता रहा. अमेरिका का कहना है कि बिन लादेन को जरूर पाकिस्तान में मदद मिल रही थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः महेश झा

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