इंगलैंड के खिलाफ़ सचिन की सेंचुरी
२७ फ़रवरी २०११बैंगलोर में यह आशंका भी जताई जा रही थी कि बारिश हो सकती है और फिर डकवर्थ-लुईस मैदान में उतरेंगे. उस हालत में भारत के कितने रनों के जवाब में इंगलैंड को कितने ओवरों में कितने रन बनाने पड़ेंगे, इसका हिसाब कम ही पंडित लगा सकते हैं. और इसलिए यह कहना बेहद मुश्किल है कि भारत की 25 ओवरों की रन रेट अच्छी रही है या बुरी. इतना तय है कि सहवाग की 26 गेंदों पर 35 रनों की पारी हर हिसाब से सहवागी पारी रही है, और सचिन के 2 छक्कों के बावजूद उनके भक्त अपने हीरो की रन रेट से बहुत खुश नहीं थे. लेकिन उसके बाद मास्टर ब्लास्टर ने अपना हाथ दिखाना शुरू कर दिया. 115 गेंदों पर 120 रन बनाने के बाद वे ऐंडरसन की गेंद पर आउट हुए. रन रेट 104 के ऊपर रही.
डकवर्थ-लुइस के हिसाब को छोड़कर अगर देखा जाए, तो वनडे मैचों में आजकल कुछ स्पष्ट रुझानें देखने को मिल रही हैं. जबरदस्त ओपनरों वाली टीमें, जिनमें टीम इंडिया को भी गिना जा सकता है, पहले 15 ओवरों में पावर प्ले का फायदा उठाती हैं. उसके बाद के 20 ओवरों में फिल्डिंग टीम के स्पिनरों का बोलबाला रहता है और बैटिंग करने वाली टीम का लक्ष्य रहता है कि रन रेट ज्यादा गिरने न दिया जाए और साथ ही विकेट भी न खोया जाए. 35 ओवरों के बाद गेंद बदली जाती है, और बल्लेबाज पीटकर खेलना शुरू करते हैं. तीसरा पावर प्ले कभी न कभी लिया जाता है और इस पर तीखी नजर रखी जाती है कि कौन से गेंदबाज बच रहे हैं. फिल्डिंग करने वाली टीम के लिए आखिरी ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजों को बचाए रखने का दबाव होता है.
इस लिहाज से देखा जाए तो 25 ओवरों के बाद टीम इंडिया की स्थिति बुरी नहीं थी. भारत का स्कोर था 140 रन, 57 के व्यक्तिगत स्कोर के साथ सचिन की रन रेट 78 से ऊपर, गंभीर के 43 रन 84 के अधिक के औसत से बने थे. इंगलैंड के तीन स्पिनर, स्वान, कॉलिंगवुड और यार्डी 11 ओवर फेंक चुके थे, सिर्फ यार्डी का औसत 6 रन प्रति ओवर से नीचे रहा है. तेज गेंदबाज ब्रेसनेन सबसे असरदार रहे हैं, उनके पांच ओवरों में सिर्फ 18 रन बने, और उन्हें सहवाग का कीमती विकेट भी मिला.
अगर कुल मिलाकर 100 ओवर का खेल हो, तो भारत की स्थिति अब बेहद मजबूत कही जा सकती है. अगर डकवर्थ-लुइस आए, तो क्रिकेट विशेषज्ञ नहीं, गणित के माहिरों को हिसाब लगाना पड़ेगा. लेकिन अब यह इंगलैंड के खिलाफ ही जाएगा. हां, धोनी ने आज टॉस जीता है. क्या इसे अच्छा संकेत माना जाए?
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: एन रंजन