इंतजार था जिसका, मुबारक का वो बयान नहीं
११ फ़रवरी २०११माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर टिप्पणी करते हुए मोहम्मद अल बारादेई ने कहा है कि मिस्र अब फटने वाला है. अब सेना की जिम्मेदारी है कि वह देश को बचाए. अल बारादेई ने कहा है मुबारक और सुलेमान को अब हट जाना चाहिए. जनता का विश्वास उनमें नहीं रह गया है. मुबारक द्वारा सुलेमान को सारी क्षमता दिए जाने की घोषणा पर अल बारादेई ने कहा कि बिना किसी ताकत के आप कैसे राष्ट्रपति हो सकते हैं ?
पश्चिमी देशों में भी इस्तीफा न देने की मुबारक की घोषणा पर निराशा जताई गई है. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा है कि राष्ट्रपति मुबारक के भाषण में वह बात नहीं थी जिसे आगे बढ़ने के लिए उम्मीद समझा गया था. यूरोपीय संघ की विदेश नीति के लिए जिम्मेदार कैथरीन ऐशटन ने कहा कि मिस्र में परिवर्तन का समय अभी ही है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने मुबारक की घोषणा के बाद कहा कि मिस्र में परिवर्तन तुरंत, लेकिन व्यवस्थित ढंग से होना चाहिए.
टेलिविजन पर हुस्नी मुबारक का भाषण सुनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने सुरक्षा सलाहकारों से मिले. अमेरिकी सरकार की ओर से अभी तक मुबारक के भाषण पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.
मिस्र के एक राजनयिक ने मुबारक की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वे अब औपचारिक रूप से राष्ट्रपति हैं. असली सत्ता उपराष्ट्रपति ओमर सुलेमान के हाथों में हैं. राजनीतिक प्रेक्षकों के बीच इस बात पर बहस जारी है कि मिस्र में वर्तमान सत्ता संतुलन को कैसे समझा जाए.
काहिरा के तहरीर स्क्वेयर में लाखों लोगों की भीड़ थी. सबको उम्मीद थी कि राष्ट्रपति मुबारक अपने इस्तीफे की घोषणा करेंगे. उनका इंकार सुनकर जश्न का माहौल गुस्से में बदल गया. मुबारक के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाए जाने लगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भट्टाचार्य
संपादन: एस गौड़