इटली का कचरा कर सकता है कचरा
२३ अक्टूबर २०१०संघ के पर्यावरण मामलों कें आयुक्त यानेस पोटोचनिक ने कहा, "हाल के दिनों में कंपानिया क्षेत्र में जो कुछ हो रहा है उससे मैं काफी चिंतित हूं. आज के हालात हमें यह मानने पर मजबूर कर रहे हैं कि इटली के अधिकारियों ने 2007 से अब तक जो भी उपाय किए हैं वे नाकाफी रहे हैं."
पोटोचनिक ने बताया कि पर्यावरण आयोग उस इलाके में एक टीम भेजने पर विचार कर रहा है जो इस बात का पता लगाएगी कि इटली ने कचरे के निपटारे के लिए यूरोपीय संघ के नियमों का पालन किया है या नहीं.
यूरोप के सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च में इटली को यूरोपीय संघ के कानूनों के उल्लंघन का जिम्मेदार पाया था. 18 महीने पहले प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने नापोली में कचरे के संकट का एलान किया था. अब अगर यूरोपीय संघ मामले को दोबारा सर्वोच्च न्यायालय को भेजता है और इटली के खिलाफ फैसला लेता है तो उसे करोड़ों यूरो का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इस तरह के जुर्माने किसी भी देश के जीडीपी के आधार पर तय किए जाते हैं.
प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी की 2007 में चुनावों में जीत में इस मुद्दे ने अहम भूमिका निभाई थी. शुक्रवार को उन्होंने वादा किया कि वह तेरत्सिगनो नाम के शहर को मुआवजा देंगे. नापोली के पास स्थित इस शहर में यूरोप का सबसे बड़ा वेस्ट डंप बनाया जा रहा है. इस बात का वहां विरोध हो रहा है और हिंसक स्तर तक पहुंच चुका है. शहर के मेयर ने बर्लुस्कोनी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उनका कहना है कि वह अपने क्षेत्र की हर हाल में रक्षा करेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन