इटली के फैसले से विज्ञान जगत में भूकंप
२३ अक्टूबर २०१२छह वैज्ञानिकों और एक सरकारी अधिकारी को अदालत ने नरहत्या का दोषी करार दिया. ये सातों लोग नेशनल कमीशन फॉर फोरकास्ट एंड प्रिवेंशन ऑफ मेजर रिस्क के सदस्य हैं. अदालत ने इन्हें लापरवाही और खतरे का सही आकलन न करने का दोषी पाया. कोर्ट ने कहा कि दोषियों ने जोखिम के बारे में शहर के प्रशासन को सही ढंग से जानकारी नहीं दी.
सजा पाने वालों में वैज्ञानिक फ्रांको बारबेरी, एन्जो बोशी, गिउलिओ सेलवागी, गिआन मिचेले काल्वी, क्लाउडिओ एवा और माउरो डोल्से हैं. सिविल प्रोटेक्शन अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी बेर्नाडो दे बेर्नार्डिस भी नरहत्या और आपराधिक चोट पहुंचाने के दोषी करार दिए गए.
इटली के लाकिला शहर में छह अप्रैल 2009 को तड़के 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूंकप में हजारों इमारतें ढह गईं. 308 लोगों की मौत हुई और 1,000 से ज्यादा घायल हुए. भूकंप से छह दिन पहले अधिकारियों और वैज्ञानिकों की बैठक हुई थी. बैठक में वैज्ञानिकों ने आशंका जताई कि जल्द भूकंप आ सकता है. अदालती कार्रवाई में मुख्य प्रश्न यही रहा कि क्या सरकार के नियुक्त इन विशेषज्ञों ने जोखिम को कम कर आंका.
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि बड़े भूकंप से पहले भी आए दिन छोटे छोटे झटके महसूस किए जा रहे थे. छोटे झटके कई महीनों से महसूस किए जा रहे थे. अभियोजन पक्ष का कहना है कि हल्के झटकों का अध्ययन कर वैज्ञानिकों को बड़े भूकंप का अंदाजा लगा लेना चाहिए था.
अभियोजन पक्ष ने सिर्फ चार साल की सजा देने की मांग की थी. लेकिन आपदा की जांच करने वाले आयोग की रिपोर्ट को आधार बना कर अदालत ने सजा लंबी कर दी. आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है, "31 मार्च 2009 को भूकंप से कुछ ही दिन पहले की बैठक में अधूरी, अपुष्ट और विरोधाभासी जानकारी दी गई."
वैज्ञानिक क्लाउडिओ एवा के वकील अल्फ्रेडो बिओंडी फैसले से असंतुष्ट हैं, "फैसला कानून और तथ्य के आधार पर गलत है." बचाव पक्ष की दलील थी कि वैज्ञानिक भूकंप को टाल नहीं सकते थे.
वहीं भूकंप पीड़ितों ने फैसले का स्वागत किया. क्लाउडिया कारोसी ने कहा, "यह बदले की प्यास नहीं है, सीधी बात यह है कि हमारी बहन वापस नहीं आएगी."
अदालत के फैसले का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय ने विरोध किया है. अमेरिकी जियोफिजिकल यूनियन का कहना है कि इस तरह की सजा से वैज्ञानिक घबराने लगेंगे और बिल्कुल चुप्पी साध लेंगे. अमेरिकन एसोसिएसन फॉर एडवांसमेंट ऑफ साइंस ने कहा है, "भूकंप की ठोस भविष्यवाणी कर लोगों को संभावित आपदा से बचाने की कोई मान्य वैज्ञानिक प्रणाली नहीं है. हमें चिंता है कि वैज्ञानिकों पर आपराधिक मुकदमे चलाने का बुरा असर वैज्ञानिकों और अनुसंधानों पर पड़ेगा."
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पृथ्वी विज्ञान विभाग के रिचर्ड वाल्टर कहते हैं, "इससे एक खतरनाक परम्परा तय हो रही है और मुझे डर है कि इसका असर अन्य वैज्ञानिकों पर भी पड़ेगा, वे प्राकृतिक आपदाओं और समाज की मदद करने में सलाह देने के प्रति उदासीन हो सकते हैं."
भूकंप की मार का असर अब भी लाकिला में देखा जा सकता है. मध्यकालीन युग का यह शहर अब भी तबाह दिखाता है. हजारों लोग अब भी घर नहीं लौट पाए हैं. इटली यूरोप के सबसे ज्यादा भूकंप संभावित देशों में है. इटली में बीते 2,000 सालों से तेज भूकंप आते रहे हैं. इटली के आस पास समुद्र के भीतर कुछ सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये ज्वालामुखी भी कई बड़े भूकंपों के लिए जिम्मेदार हैं.
भूकंप संभावित देश होने की वजह से इटली की सरकार पर पूर्व सूचना और आपदा प्रबंधन की बेहतर तैयारियां करने का दबाव है.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)