इटली को परास्त कर स्पेन बना सिरमौर
२ जुलाई २०१२रविवार की रात मुकाबला खत्म होने के बाद स्पेन तो छोड़िए पूरे यूरोप में जिधर भी नजर जाती स्पेन के झंडे का लाल पीला रंग ही नजर आता. अब तो स्पेन के समर्थकों को जश्न मनाने की आदत सी हो गई है. जीत के बाद फुटबॉल के इतिहास में स्पेन की जगह को लेकर बहस छिड़ी है. अब से पहले कोई भी टीम लगातार दो बार यूरो कप नहीं जीत सकी है और इन दो जीतों के बीच ही विश्वकप पर कब्जा कर लेना स्पेन को बहुत बड़ी ऊंचाई पर ले गया है. लगातार तीसरी बार फुटबॉल के बड़े मुकाबले में विजेता का कप उठाने के लिए स्पेन के विलक्षण गोलकीपर और टीम के कप्तान कासियास रविवार की शाम कीव में भी मौजूद थे. 2008 में वियना में यूरो कप, 2010 में जोहानिसबर्ग में वर्ल्ड कप और अब 2012 में कीव में दोबारा यूरो कप. टीम के कोच विसेंते देल बोस्के ने जीत के बाद कहा, "लगातार तीन खिताब जीतना करीब करीब नामुमकिन सी बात है, खिलाड़ियों को बहुत बधाई."
यह वही टीम है जिस पर इस साल के यूरो कप को बोरिंग बनाने की तोहमत लग रही थी. रविवार की शाम का एकतरफा फाइनल मुकाबला भी कुछ हद तक बोरिंग ही साबित हुआ पर अब इल्जाम स्पेन पर नहीं. स्पेन ने तो इसे यादगार और ऐतिहासिक बना दिया है. अब तक कोई भी टीम वर्ल्ड कप के फाइनल भी चार गोल के अंतर से नहीं जीत सकी थी, यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी टीम अपना खाता भी नहीं खोल सकी. पेले को दौर में भी ब्राजील ज्यादा से ज्यादा तीन गोल के अंतर से ही फाइनल जीत सका था.
दुर्भाग्य इटली का रहा, जो अपनी मजबूत रक्षा पंक्ति के दम पर पिछले कुछ सालों में सर्वाधिक देखी जाने वाली टीम के रूप में उभरी है पर स्पेन ने उसके कंधों पर ऐसी करारी हार का बोझ रख दिया है जिसे उतारने में थोड़ा वक्त लगेगा. स्पेन के खिलाफ तो 11 खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पर्याप्त रुप से कठिन था. हाफ टाइम के बाद के ज्यादा हिस्से में 10 खिलाड़ियों के साथ मुकाबला करना इटली के लिए और भारी पड़ गया. तीनों वैकल्पिक खिलाड़ियों के मैदान में उतर जाने के बाद जब थियागो मोटा 64वें मिनट में जख्मी हो गये, तो इटली के पांव उखड़ गए. मैच के पहले हाफ में डेविड सिल्वा और जोर्डी अल्बा के गोल ने तो पहले ही स्पेन की जीत की बुनियाद रख दी थी. फर्नांडो टोरेस और वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में मैदान में उतरे खुआन माटा ने आखिरी छह मिनटों में गोल कर के जीत को ऐतिहासिक बना दिया. इटली के कोच सीजर प्रान्डेली ने कहा, "हमारे लिए यह महान यूरोपीय चैम्पियनशिप है, सचमुच हमें सिर्फ यही अफसोस है कि दोबारा उठ खड़े होने के लिए हमारे पास ज्यादा दिन नहीं थे." मुकाबले के खत्म होने की सीटी बजते ही स्पेन के खिलाड़ी एक दूसरे से लिपटने और घेरा बना कर जश्न बनाने में जुट गए. ड्रेसिंग रूम में खुद स्पेन के राजकुमार खिलाड़ियों को गले लगाने पहुंचे थे.
कीव के स्टेडियम से लेकर पूरे यूरोप में सड़कों पर जीत का जश्न शुरू हो गया. स्पेन का झंडा लहराते, गाड़ियों के हॉर्न बजाते स्पेन के प्रशंसक खुशी मनाने को कोई भी तरीका छोड़ने को तैयार नहीं थे. इटली के प्रशंसकों में थोड़ी मायूसी जरूर थी लेकिन वो भी अपनी हार से ज्यादा स्पेन की खुशी में शामिल होने के लिए व्याकुल दिखे. इटली के गोली बुफोन ने भी कहा, "आज की रात कोई मुकाबला नहीं था, वो बहुत ज्यादा दमदार थे, इसलिए हार की कड़वाहट उतनी ज्यादा नहीं."
मैच खत्म होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मैड्रिड के मशहूर सिबेलेस स्टोन फाउंटेन के बगल में विशाल स्टेज खड़ा कर दिया गया जो शेरों के रथ पर सवार प्रकृति की देवी का रूप लिए था. टीम के वापस लौटने पर उन्हें खुली बस में मैड्रिड की सड़कों पर घुमाया जाएगा. इसके बाद राजा खुआन कार्लोस उनका सम्मान करेंगे. अर्थव्यवस्था की खराब हालात से जूझ रहे स्पेन के लिए राहत फिलहाल फुटबॉल के मैदान से आई है.
एनआर/एमजी(एपी,एएफपी)