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ईरान पर बातचीत, नौ दिन चले अढाई कोस

२४ मई २०१२

ईरान के परमाणु कार्यक्रम का हल निकालने के लिए बगदाद में चल रही बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. यह बैठक ईरान और पश्चिमी देशों के छह प्रतिनिधियों के बीच हुई.

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तस्वीर: ISNA

पश्चिमी देशों के प्रतिनिधिमंडल को 5+1 ग्रुप का नाम दिया गया है. इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य शामिल हैं. अमेरिका के अलावा रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी इस ग्रुप का हिस्सा हैं.

बुधवार को सातों देशों के बीच जोरदार बहस चलती रही लेकिन शाम तक भी कोई नतीजा नहीं निकला. खुद परमाणु कार्यक्रम रखने वाले अमेरिका की इस बात पर आलोचना भी होती रही है कि वह अन्य देशों पर लगाम लगाना चाहता है. एक उच्च अमेरिकी अधिकारी ने गुरुवार को कहा, "हमने परमाणु हथियारों को ले कर ऐसा कोई कार्यक्रम तैयार नहीं किया है जिसके बारे में दुनिया को खबर ना हो, लेकिन ईरान ऐसा कर रहा है. उनके ऐसा करने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में संदेह जागा है." अपना नाम ना बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि अभी बातचीत शुरू ही हुई है और अभी इस पर काफी चर्चा होनी बाकी है.

Iran Atom 5+1 Symbol
तस्वीर: ISNA^

वादों से नहीं डिगा

पश्चिमी देशों ने ईरान को लुभाने के लिए कई तरह की मदद के वादे भी किए. ईरान से कहा गया है कि यदि वह अपने यूरेनियम के भंडार बीस प्रतिशत पर ही रोक देता है तो उसे चिकित्सा संबंधी मदद दी जाएगी. साथ ही नागरिक विमानों के अतिरिक्त पुर्जों की आपूर्ति की भी बात कही गई और परमाणु सुरक्षा सहयोग का भी वायदा किया गया. लेकिन ईरान ने अभी इन शर्तों को माना नहीं है. ईरान ने पश्चिमी देशों को यकीन दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के जांच अधिकारियों को एक सैनिक ठिकाने में आने की अनुमति दी है ताकि वे सुनिश्चित कर सकें कि वहां परमाणु हथियार नहीं बनाए जा रहे हैं.

अमेरिका और इस्राएल का मानना है की ईरान देश में मौजूद यूरेनियम के भण्डार का परमाणु हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. दोनों देश इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. लेकिन ईरान इस से इनकार करता आया है. ईरान का कहना है कि परमाणु कार्यक्रम ऊर्जा बनाने के लिए है. बैठक शुरू होने से पहले ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने कहा कि परमाणु हथियार बनाना इस्लाम के खिलाफ है और वह अपने देश में ऐसा नहीं होने देंगे. हालांकि अमेरिका को ईरान की बात पर विश्वास नहीं है. अमेरिका ने दुनिया भर के देशों को ईरान के साथ व्यापारिक संबंध कम करने के लिए भी कहा है. भारत पर दबाव बना रहा है कि ईरान से तेल के आयात को कम किया जाए. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ऐसा ना करने पर वह देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है. जापान और यूरोप के कुछ देशों को प्रतिबंध से दूर रखा गया है.

आईबी/एएम (एपी, एएफपी)