ईरानी फिल्मकार को छह साल की सजा
२१ दिसम्बर २०१०कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके पनाही को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया. उन्हें 88 दिन तक हिरासत में रखा गया. इस दौरान पनाही ने भूख हड़ताल भी की. उन्होंने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मीर हुसैन मोसावी का समर्थन किया.
इस्ना समाचार एजेंसी ने पनाही की वकील के हवाले से कहा है, "पनाही को व्यवस्था के खिलाफ काम करने और दुष्प्रचार करने के लिए छह साल की सजा दी गई है. वह 20 साल तक न तो फिल्म बना पाएंगे और न ही कोई स्क्रिप्ट लिख पाएंगे. पनाही की विदेश यात्रा या विदेश पत्रकारों से बातचीत करने पर भी पाबंदी लगाई गई है." यह सजा शनिवार को सुनाई गई और इसके खिलाफ अपील करने के लिए पनाही की वकील के पास 20 दिन का समय है.
वेनिस फिल्म फेस्टिवल के आयोजकों को पनाही ने बताया था कि उन पर बिना इजाजत फिल्म बनाने के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है. उन पर 2009 के राष्ट्रपति चुनावों के बाद विरोध प्रदर्शन भड़काने का भी आरोप है. वेनिस फिल्म फेस्टिवल के दौरान आयोजकों की तरफ से जारी बयान में पनाही ने कहा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों में से एक को मजाक भी बताया.
पनाही को सितंबर में हुए वेनिस फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. मार्च में पनाही के साथ एक और ईरानी फिल्मकार मोहम्मद रसूलोफ को भी गिरफ्तार किया गया. उन्हें भी इसी तरह के आरोपों में छह साल की सज़ा सुनाई गई है.
फ्रांस के संस्कृति मंत्री ने जफर पनाही को सजा दिए जाने की आलोचना की है. फ्रेडरिक मितरां ने पनाही को तुरंत रिहा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से एक फिल्मकार को अपनी प्रतिभा जाहिर करने से रोका जा रहा है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार