ईश निंदा कानून के समर्थन में परवेज मुशर्रफ
१७ जनवरी २०११मुशर्रफ का कहना है कि ईश निंदा पाकिस्तान के लोगों के लिए एक बेहद संवेदनशील मामला है. "इसलिए ईश निंदा कानून को हटाना संभव नहीं है और न ही इसे हटाना चाहिए." पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कानून बदलने की जगह इस बात को आश्वस्त करना चाहिए कि कानून का दुरुपयोग न हो. उन्होंने पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि यह सरासर गलत है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
लंदन में रॉयटर्स के साथ बातचीत में मुशर्रफ ने कहा, "गवर्नर की हत्या करने वाला दोषी है, अपराधी है, उसके साथ न्याय किया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए." इसी महीने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गई. आरोप है कि उनके अंगरक्षक मुमताज कादरी ने ईश निंदा कानून से असहमति की वजह से तासीर की हत्या की. इसके बाद पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में उसे हीरो के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाने लगा.
लौटने की तारीख नहीं
मुशर्रफ ने एक बार फिर कहा कि वह पाकिस्तान में अगले चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं, जो 2013 में होने तय हैं. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कब पाकिस्तान लौटना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मार्च तक वह सभी प्रांतों में अपनी राजनीतिक पार्टी का दफ्तर बना लेना चाहते हैं. उन्होंने अक्तूबर में लंदन में रहते हुए ही अपनी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग का गठन किया है.
पाकिस्तान में मुशर्रफ की जान को खतरा है और उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. उनका कहना है, "ऐसा नहीं है कि मैं सूटकेस पैक करूं और टिकट लेकर इस्लामाबाद पहुंच जाऊं. इसलिए मैंने फैसला किया है कि मैं वहां चुनाव से पहले जाऊंगा, चाहे चुनाव तय वक्त पर हों या उससे पहले हों. माहौल के हिसाब से ही मेरे जाने की तारीख तय होगी."
राजनीतिक गठजोड़
उन्होंने कहा कि राजनीतिक गठजोड़ के लिए कई लोगों ने उनसे संपर्क किया है और वह किसी के साथ भी राजनीतिक तालमेल करने को तैयार हैं. पाकिस्तान के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजनीतिक तौर पर मुशर्रफ की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने दम पर कामयाबी हासिल करें और उन्हें विपक्ष में से किसी के साथ की जरूरत होगी. समझा जाता है कि लंदन में रहने वाले अलताफ हुसैन की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) या पाकिस्तान मुस्लिम लीग क्यू के साथ उनका तालमेल हो सकता है. मुशर्रफ ने संकेतों में एमक्यूएम के बारे में कहा, "वह एक अच्छी पार्टी है और हमारा उनके साथ कोई मतभेद नहीं है."
पश्चिम पर निशाना
मुशर्रफ पर आरोप लगते हैं कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने तालिबान के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की. लेकिन मुशर्रफ का कहना है कि पश्चिमी देशों ने 2002-2004 में एक शानदार मौका गंवा दिया, जब अफगानिस्तान की समस्या का समाधान संभव था. उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान की स्थिरता पर खतरा है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः ईशा भाटिया