1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

उत्तर कोरिया की पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल

१५ जनवरी २०२१

उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ अपने नए हथियारों की परेड कराई है. परमाणु कार्यक्रमों से दूर जाने की दुनिया की मांग को अनदेखा कर किम जोंग उन अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने में जुटे हैं.

https://p.dw.com/p/3nxq7
Nordkorea stellt neue Rakete bei Militärparade vor
तस्वीर: KCNA/Reuters

सरकारी मीडिया का कहना है कि गुरुवार की रात सत्ताधारी पार्टी की एक अहम बैठक के बाद हुई सैन्य परेड में देश के नेता किम जोंग उन ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रमों को जितना संभव है उतना बढ़ाने की शपथ ली. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को कई एशियाई देश और अमेरिका इलाके के लिए खतरे के रूप में देखते हैं. उत्तर कोरिया इसे अमेरिकी खतरे से लड़ने का सामान मानता है.

आठ दिनों तक चली वर्कर्स पार्टी की बैठक के दौरान किम जोंग उन ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की योजना भी पेश की. अमेरिकी प्रतिबंधों और परमाणु कार्यक्रमों ने देश की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल कर रखा है. महामारी से पीड़ित होने के कारण सीमा पर तालाबंदी है और प्राकृतिक आपदाओं ने उत्तर कोरिया की फसलें भी चौपट कर दी हैं.

Nordkorea stellt neue Rakete bei Militärparade vor
सेना की परेड में किम जोंग उन.तस्वीर: Yonhap/AP/picture alliance

नाकाम हुई कूटनीति

आर्थिक दिक्कतों के कारण किम जोंग उन के पास दिखाने के लिए अमेरिका के साथ ट्रंप के दौर में चली अपनी कूटनीति का कोई बेहतर नतीजा नहीं है. यह कूटनीति वैसे भी दो मुलाकातों के बाद नाकाम हो गई. उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार कार्यक्रम छोड़ने के बदले प्रतिबंधों से छूट मिलने की बात थी लेकिन कुछ मुद्दों पर असहमति के कारण यह संभव नहीं हो सका. इसकी वजह से 9 साल के शासन में किम जोंग उन को कठिन वक्त का सामना करना पड़ा है.

परेड के दौरान दिए किम जोंग उन के बयानों का एक मकसद अमेरिका में आने वाल बाइडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाना हो सकात है. बाइडेन उत्तर कोरियाई नेता को "ठग" कह चुके हैं और वो उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमताओं पर सार्थक रोक नहीं लगा पाने के लिए ट्रंप की आलोचना करते रहे हैं. किम जोंग उन ने बाचीत से इनकार नहीं किया है लेकिन कहा है कि द्विपक्षीय संबंध इस बात पर निर्भर करेंगे कि अमेरिका उत्तर कोरिया के प्रति अपनी खराब नीतियां छोड़ता है या नहीं.

उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने शुक्रवार को परेड की तस्वीरें दिखाईं जिनमें हजारों आम लोग और सैनिक आतिशबाजी के बीच किम जोंग उन को एक इमारत से निकाल कर किम जोंग इल चौराहे पर बने मंच आते दिखे. फर की काली टोपी और चमड़े का कोट पहने किम जोंग उन ने मुस्कुराते हुए हाथ हिला कर जनता और सैनिकों का अभिवादन किया. सरकारी मीडिया में आई खबरें और वीडियो से ऐसा लगता है कि इस दौरान किम जोंग उन ने कोई भाषण नहीं दिया. इस दौरान सैन्य विमानों ने डार्क स्काई के फॉर्मेशन में वर्कर्स पार्टी का प्रतीक चिन्ह आसमान में बनाते हुए उड़ान भरी. हाथ में झंडे लेकर खड़े लोगों ने कोराना वायरस के खिलाफ घरेलू अभियान के बावजूद कोई मास्क नहीं पहन रखा था.

Nordkorea stellt neue Rakete bei Militärparade vor
तस्वीर: Yonhap/AP/picture alliance

कैसे कैसे हथियार

परेड में देश के कई बेहद उन्नत हथियारों की नुमाइश हुई जिनमें पनडुब्बी से दागी जाने में सक्षम मिसाइलें सबसे प्रमुख थीं. समाचार एजेंसी केसीएनए ने इसे "दुनिया का सबसे ताकतवर हथियार" कहा है. उत्तर कोरिया ने जिस हथियार का पहले परीक्षण किया था उसकी तुलना में यह बड़ा दिखाई दे रहा था. इसके अलावा भी उत्तर कोरिया ने ठोस ईंधन से चलने वाले कई हथियार परेड में दिखाए जिन्हें मोबाइल या फिर लैंड लॉन्चर से दागा जा सकता है. इन हथियारों से उत्तर कोरिया जापान और दक्षिण कोरिया में हमले कर सकता है जिनमें अमेरिकी सेना के अड्डे भी शामिल हैं.

सरकारी मीडिया में जारी तस्वीरों में ऐसी कोई नहीं है जिनसे कि इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान की जा सके. इससे पहले अक्टूबर में भी सेना की एक परेड हुई थी जिसे अब तक की सबसे बड़ा कहा जाता है. इसमें उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का भी प्रदर्शन किया था. उत्तर कोरिया ने 2017 में ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया था जो अमेरिका तक मार करने में सक्षम हैं. वह कई सालों से ऐसी बैलिस्टिक मिसाइलों को तैयार करने की कोशिश में है जिन्हें पनडुब्बी से दागा जा सके. इन मिसाइलों को लेकर उसके पड़ोसी देशों में काफी चिंता है क्योंकि पानी के भीतर से दागे जाने के कारण इन्हें लक्ष्य पर गिरने से पहले पता लगा कर खत्म करना बहुत मुश्किल होगा. हालांकि कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ये हथियार महज दिखावे के साबित हो सकते हैं. उनके मुताबिक इनके परीक्षण और तैनाती से पहले इन्हें और ज्यादा विकसित करने की जरूरत होगी.

उत्तर कोरिया इन हथियारों के अलावा जासूसी के उपग्रह और ध्वनि की गति से तेज चलने वाले हथियारों के निर्माण की तैयारी में भी जुटा है. अभी यह साफ नहीं है कि वह उन्हें स्वतंत्र रूप से विकसित कर रहा है या फिर उसे दूसरे देशों से भी मदद मिल रही है.

एनआर/आईबी (एपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी