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ऊर्जा नीति के सुरों पर जर्मन रूसी बातचीत

१८ जुलाई २०११

जर्मनी और रूस के बीच इस सप्ताह कैबिनेट स्तर पर बातचीत होने जा रही है. यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब जर्मनी प्राकृतिक गैस के संसाधनों से भरपूर रूस पर ऊर्जा के लिए ज्यादा निर्भर हो रहा है.

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Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU) und der russische Praesident Dmitri Medwedew sitzen am Freitag (27.05.2011) in Deauville, Frankreich, bei einem Gespraech im Rahmen des G8-Gipfels zusammen. Schwerpunkte des zweitaegigen Treffens der Staats- und Regierungschefs der acht groessten Industriestaaten sind die Entwicklung des Internets, die Atomkatastrophe in Fukushima und die Lage in Nordafrika. (zu dapd-Text) Foto: Peer Grimm/Pool/dapd
तस्वीर: dapd

जर्मनी के हनोवर शहर में चांसलर अंगेला मैर्केल और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव 13 वीं वार्षिक बैठक में शामिल होंगे. इसमें दोनों देशों के कारोबारी प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे.

दोनों देशों की सरकारों के बीच यह बातचीत एक उद्देश्य के साथ शुरू की गई थी कि युद्ध के समय के दुश्मनों के बीच संबंध स्थापित हों और साम्यवाद के खत्म होने के बाद रूस को आधुनिकता की ओर ले जाया जाए. मानवाधिकारों के मुद्दे पर मतभेद और आलोचना के बावजूद रूस के साथ जर्मनी के व्यावसायिक संबंध तेजी से बढ़े हैं. मॉस्को पर मानवाधिकार हनन के अलावा सरकारी ऊर्जा उत्पादन कंपनी गाजप्रोम का राजनैतिक इस्तेमाल के आरोप भी लगते रहे हैं.

Russian President Dmitry Medvedev (R) and German Chancellor Angela Merkel (L) take part in the Petersburg Dialogue forum in St. Petersburg, Russia 02 October 2008. Dmitry Medvedev proposed discussing practical joint projects. EPA/DMITRY ASTAKHOV RIA NOVOSTI / KREMLIN POOL +++(c) dpa - Report+++
तस्वीर: Picture alliance/dpa

हाल ही में रूस के गाजप्रोम और जर्मनी की आर डबल्यू ई कंपनी के बीच यूरोप में ऊर्जा उत्पादन संयंत्र लगाने पर समझौता हुआ है. यह पूछने पर कि क्या बर्लिन अपनी ऊर्जा की मांग पूरी करने के लिए इस तरह विदेशी कंपनी को ठेके देगा. इस पर सरकार के प्रवक्ता श्टेफान साइबर्ट ने कहा कि कंपनियां अपनी नीति खुद बनाती हैं. "लेकिन हमें अतिरिक्त ऊर्जा संयंत्रों की आवश्यकता होगी, खासकर गैस से चलने वालों की ताकि परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद करने के कारण बने मांग और आपूर्ति के अंतर को कम किया जा सके."

जर्मन अखबार डी त्साइट ने लिखा है कि जर्मनी के मुख्य मित्र देश फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका परमाणु ऊर्जा बंद करने के फैसले को लेकर आशंकित हैं और गैस के लिए जर्मनी की रूस पर निर्भरता को लेकर चिंतित भी.

सोमवार रात मेदवेदेव चांसलर मैर्केल के साथ अनौपचारिक डिनर के लिए आएंगे. आर्थिक और पर्यावरण संबंधी दर्जनों समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने हैं साथ ही जर्मन रूसी सहयोग के तहत व्यावसायिक करार भी.

जर्मनी रूस का सबसे अहम व्यापारिक साझेदार है. रूस का जर्मनी को आयात पिछले साल 31.8 अरब यूरो तक पहुंच गया था.

जर्मनी जो फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है उसे उम्मीद है कि सीरिया में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई का विरोध करेगा और परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाएगा.

मैर्केल जो कि साम्यवादी पूर्वी जर्मनी में पली बढ़ी हैं उनके संबंध मेदवेदेव से व्लादिमीर पुतिन की तुलना में ज्यादा अच्छे हैं.

रशिया इन ग्लोबल अफेयर्स नाम की पत्रिका के संपादक फ्योदोर लुकियानोव का मानना है कि यह बैठक एक सामान्य नियमित बैठक से ज्यादा कुछ नहीं होगी क्योंकि जर्मनी यूरो जोन संकट से विचलित है और रूस में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति है. इस अनिश्चितता का कारण है कि न तो पुतिन ने और न ही मेदवेदेव ने मार्च में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भागीदारी के बारे में कोई घोषणा की है.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः एन रंजन