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एंटी मैटर की गुत्थी सुलझेगी

१९ दिसम्बर २०१०

एंटी मैटर या प्रति पदार्थों को पकड़ना दुनिया भर के वैज्ञानिकों का सपना है. अब यूरोपीय वैज्ञानिकों ने एंटी हाइड्रोजन एटमों को पकड़ने में सफलता का दावा किया है. वे एंटी मैटर की बनावट की गुत्थी सुलझाने की राह पर हैं.

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तस्वीर: NASA

इस सप्ताह यूरोपीय परमाणु शोध संगठन सैर्न ने एक अनोखे चुंबकीय ट्रैप में एंटी हाइड्रोजन एटम के बनने और पकड़े जाने की जानकारी दी और कहा कि वे इससे दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण नाभिकीय गुत्थियों में से एक को सुलझाने की राह पर आ गए हैं. प्रति पदार्थ में दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय के अलावा अन्य लोगों की भी दिलचस्पी है क्योंकि इसे अकूत और मुफ्त ऊर्जा का स्रोत माना जाता है.

सैर्न की यह घोषणा उस एलान के तीन सप्ताह बाद आई है जब इस मुद्दे पर अलग अलग काम कर रही तीन टीमों में से एक ने कहा था कि उन्होनें प्रतिपदार्थ के अणुओं को कुछ क्षणों के लिए पकड़ने में सफलता मिली है. ताजा जानकारी हासिल करने वाली टीम के यासुनोरी यामाजाकी ने कहा है, "एंटी हाइड्रोजन बनाने और बाद में उनका अध्ययन करने के वैकल्पिक तरीकों के साथ प्रति पदार्थ हमसे अपने गुण नहीं छुपा पाएंगे."

तीन सप्ताह पहले सैर्न के वैज्ञानिकों ने एक चुंबकीय क्षेत्र में हाइड्रोजन के 39 एंटी मैटर अणुओं को सेकंड के छठे हिस्से के लिए कैद करने में सफलता हासिल की. वैज्ञानिकों का कहना है कि कणों की संरचना जानने के लिए यह समय पर्याप्त है. जब मैटर और एंटी मैटर एक दूसरे से जुड़ते हैं तो एक दूसरे का अस्तित्व नष्ट कर देते हैं. परमाणु के तीव्र गति के दौरान टूटने से एंटी मैटर अस्तित्व में आते हैं.

माना जाता है कि 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग के समय प्रति पदार्थों का उतनी ही मात्रा में निर्माण हुआ जितना परंपरागत पदार्थ का, जिससे कि दुनिया का निर्माण हुआ है. पदार्थ वह तत्व है जो दुनिया में जीवन सहित हर दिखने वाली चीज में पाया जाता है. इसका पता 1932 में अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड एंडरसन ने लगाया.

नई जानकारी ऐसे समय में आई है जब सैर्न के इंजीनियर ब्रह्मांड के बनने पर 8 महीने के सफल शोध के बाद लार्ज हैडर्न कोलाइडर को दो महीने के लिए बंद करने जा रहे थे. सैर्न के महानिदेशक रॉल्फ हॉयर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि नई खोजें इतनी तेजी से सामने आ रही हैं कि कोलाइडर को को 2012 तक चालू रखना होगा.

सैर्न के उपप्रमुख सैर्जियो बैर्तोलुच्ची का कहना है कि कोलाइडर इस तेजी के साथ वैज्ञानिक शोध के नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है कि आने वाले महीने डार्क मैटर के बारे में अंदरूनी जानकारी दे सकते हैं जो ब्रह्मांड का 25 फीसदी है.भौतिकशास्त्रियों का मानना है कि इसे डार्क मैटर इसलिए कहते हैं कि वह प्रकाश को परावर्तित नहीं करता और उन्हें देखा नहीं जा सकता.

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका डार्क इनर्जी से भी संबंध हो सकता है जो ब्रह्मांड के 70 फीसदी हिस्से में फैली है. सिर्फ 5 फीसदी में गैलेक्सी, सितारों और ग्रहों जैसी दिखने वाली चीजें हैं, जिन्हें धरती से देखा जा सकता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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