एंटीबायोटिक असर नहीं करती ईहेक पर
३ जून २०११प्रयोगशालाओं के वैश्विक नेटवर्क के तहत चीन में भी इस बैक्टीरिया की जांच की जा रही है. ताकि रातों रात 17 लोगों की जान वाले इस जहरीले ईहेक बैक्टीरिया के बारे में पता चल सके. चीनी वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्हें इस कीटाणु में ऐसे जीन्स मिले हैं जो इसे कई एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोधी बना देते हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ईकोलाई की इस प्रजाति से पहले कभी कोई बीमार नहीं हुआ. लेकिन फिलहाल इस कारण 1,500 लोग बीमार हैं. रूस ने यूरोप से कच्ची सब्जियों का आयात बंद कर दिया है जिसके कारण उसे भारी आलोचना का सामना करना पड़ा. समझा जा रहा है कि यूरोपीय संघ की सब्जियां इस संक्रमण का कारण हैं.
बीजिंग के शेनजेन शहर के जेनोमिक्स संस्थान के वैज्ञानिक ने कहा, "ई कोलाई बैक्टीरिया की नई प्रजाति बहुत संक्रमणकारी है और अति जहरीली भी." वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता ने कहा, "पहले इस प्रजाति से कभी महामारी की स्थिति पैदा नहीं हुई थी."
जर्मनी के उत्तरी शहर हैम्बर्ग के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के बैक्टीरियोलॉजिस्ट होल्गर रोह्डे कहते हैं, "जो हमें मिला है वह निश्चित ही इस कीटाणु की नई प्रजाति है. हमें भविष्य में इससे मदद मिलेगी."
ईहेक बैक्टीरिया का संक्रमण यूरोप के दस देशों में सामने आया है और अमेरिका में भी. हालांकि जर्मनी से बाहर सामने आए मामलों में वही लोग हैं जो जर्मनी आ कर गए हैं. रूस ने जर्मनी और स्पेन की सब्जियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद पोलैंड और हॉलैंड की सरकार ने रूस की कड़ी आलोचना की है.
किसानों में गुस्सा
स्पेन ने इस संकट पर गहरी नाराजगी जताई है. इस संक्रमण के मामले में शक की सुई स्पेन पर ही गई थी. जर्मनी ने दावा किया था कि संक्रमण स्पेन से आए खीरों में मिला है. स्पेन ने कहा है कि वह अपने किसानों के लिए मुआवजा चाहता है क्योंकि उन्हें एक सप्ताह में ही करीब 20 करोड़ यूरो का घाटा हुआ ह और 70 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं.
स्पेन के प्रधानमंत्री होसे लुइस रोद्रिगुएज जपातेरो ने यूरोपीय आयोग पर धीमे होने का आरोप लगाया है. "मुझे आयोग से साफ प्रतिक्रिया की उम्मीद थी. पोलैंड,फ्रांस, जर्मनी रूस को बड़ी मात्रा में फल और ताजी सब्जियां बेचते हैं." वहीं नीदरलैंड्स से सलाद और टमाटर रूस भेजे जाते हैं. देश के लिए यह एक बड़ा नुकसान है.
यूरोपीय संघ ने पिछले साल रूस को 59.8 करोड़ यूरो की सब्जियां निर्यात की जबकि रूस से सिर्फ दो करोड़ नब्बे लाख यूरो का आयात हुआ.
खूनी पेचिश, किडनी पर असर
जर्मनी अभी तक इस संक्रमण का स्रोत नहीं ढूंढ सका है. यूरोपीय आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी में कई सौ वैज्ञानिक इस संक्रमण का कारण ढूंढने में लगे हैं. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि जर्मनी जाने वाले लोग टमाटर, खीरा खाने से बचें और अगर इस संक्रमण के चिन्ह दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि ईहेक संक्रमण के मामले ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड और ब्रिटेन में सामने आए हैं. इनमें से अधिकतर लोगों ने जर्मनी की यात्रा की थी. बीमार लोगों को आपात चिकित्सा केंद्र में रखा गया और किडनी पर असर पड़ने के कारण डायलीसिस करवाना पड़ रहा है.
यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि इस संक्रमण से तीन अमेरिकी भी बीमार हुए हैं. इस संक्रमण का सबसे खतरनाक पहलू है हीमोलिटिक यूरेमिक सिन्ड्रोम(एचयूएस). इससे किडनी काम करना बंद कर देती है. ईहेक बैक्टीरिया ई कोलाई की दो प्रजातियों से बना है और इसलिए अलग और ताकतवर भी. यह बड़ी आंत में चिपक कर बैठ जाता है और फिर वहां जहर उगलता है. संक्रमण का एक और असर है और वह है तंत्रिका प्रणाली पर हमला.
लीवरपूल यूनिवर्सिटी के पॉल विगले कहते हैं, "जहर आंत को नुकसान पहुंचाते हैं और इससे खूनी पेचिश होता है."
यूरोप के बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण केंद्र ने एक बयान में कहा है कि यह बैक्टीरिया उस ग्रुप का है जो शिगा नाम का जहर पैदा करता है. उधर चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें जो बैक्टीरिया मिला है वह ईकोलाई की प्रजाति ईएईसी 55989 से मिलता जुलता है. गंभीर डायरिया का कारण यह बैक्टीरिया अफ्रीका में मिला था.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एस गौड़