एक पन्ना और साइना के नाम
१२ दिसम्बर २०१०बैडमिंटन में सुपर सीरीज का रुतबा वैसा ही है जैसा टेनिस में ग्रैंड स्लैम का होता है. और इस बड़े मुकाबले में नेहवाल ने चीन की शिशियान वांग को 2-1 से हराकर खिताब जीता. 20 साल की भारतीय सुपर स्टार साइना का यह चौथा सुपर सीरीज खिताब है. फाइनल में उन्होंने 15-21, 21-16, 21-17 से प्रभावशाली जीत दर्ज की. थर्ड सीड वांग को उन्होंने एक घंटा और 11 मिनट में मात दी.
साइना की जीत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने इंडियन ओपन ग्रां प्री, सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज, इंडोनेशियन सुपर सीरीज और फिर कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल एक के बाद एक जीतते हुए यहां तक का सफर तय किया.
वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे से चौथे पायदान पर चली गईं साइना नेहवाल को इस जीत के बाद नंबर वन की ओर बढ़ने में काफी मदद मिलेगी.
फाइनल मैच में साइना बहुत समझदारी और कूटनीति से खेलीं. पहला गेम हारने के बाद उन्होंने बहुत ही चालाकी से मैच में वापसी की और फिर चीनी खिलाड़ी को चिड़िया छूने का मौका ही नहीं दिया. दूसरे गेम में एक बार स्कोर 5-5 तक पहुंचा, तो फिर साइना उसे 11-5 तक ले जाकर ही थमीं. उसके बाद वांग ने लगातार पांच अंक हासिल करके 11-10 बना लिया. फिर तो जैसे साइना ने ठान लिया कि अब वांग को आगे नहीं जाने देना है. उन्होंने आठ लगातार अंक हासिल किये. यहां से गेम उनके लिए दो ही अंक दूर रह गया जो उन्होंने आसानी से जुटा लिये.
दूसरा गेम जीतने के बाद साइना मैच में 1-1 से वापस आ गईं और उनका आत्मविश्वास चीनी खिलाड़ी पर ऐसा भारी पड़ा कि मैच साइना की झोली में आ गिरा.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः एन रंजन