एप्पल के स्टीव जॉब्स फिर छुट्टी पर
१८ जनवरी २०११अमेरिका में जब छुट्टी का दिन था, तो एप्पल ने इस बात का एलान किया. लेकिन यह नहीं बताया कि जॉब्स किस लिए छुट्टी पर जा रहे हैं और वह कितने दिनों तक छुट्टी पर रहेंगे. दो साल पहले भी लीवर ट्रांसप्लांट के लिए जॉब्स छह महीने छुट्टी पर रह चुके हैं.
एप्पल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले दूरदर्शी सीईओ जॉब्स ने कर्मचारियों को ईमेल लिखा है, "मेरे अनुरोध पर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मुझे मेडिकल छुट्टी दे दी है, ताकि मैं अपनी सेहत पर ध्यान दे सकूं." दूसरे सीईओ से अलग करिश्माई स्टीव जॉब्स आम तौर पर बंद गले की टी शर्ट और जीन्स में नजर आते हैं.
पहले एप्पल इस बात की सूचना देता रहा है कि जॉब्स कब काम पर लौटेंगे. लेकिन इस बार नहीं बताया कि 55 साल के सीईओ कब लौट रहे हैं. इसके साथ ही जॉब्स की सेहत पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. एप्पल के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
स्टीव जॉब्स लंबे वक्त से पेट के कैंसर से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि वह कंपनी के सीईओ बने रहेंगे और बड़े फैसलों में अपनी हिस्सेदारी जरूर रखेंगे. लेकिन रोजाना का कामकाज कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर टिम कुक देखेंगे. स्टीव जॉब्स कंपनी से सिर्फ एक डॉलर की सैलरी लेते हैं.
इस खबर के आने के बाद जर्मनी में फ्रैंकफर्ट के शेयर बाजार में एप्पल के शेयर 6.2 प्रतिशत गिर गए. एप्पल ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका में अब दूसरी कंपनी के साथ भी आई फोन उपलब्ध हो सकेगा, जिसके बाद कंपनी के शेयर बड़ी तेजी से चढ़े और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे.
एप्पल को नई जान
गुस्सैल और जल्द भड़क जाने वाले स्टीव जॉब्स ने एप्पल को करीब 15 साल पहले उस वक्त नया जीवन दिया, जब कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के प्रभाव के बाद खत्म होती दिख रही थी. वह कंपनी के संस्थापक सदस्य रहे हैं लेकिन 12 साल तक एप्पल से अलग थे.
एप्पल के मैक कंप्यूटर और लैप टॉप के बाद 2007 में जब कंपनी ने आई फोन लांच करके तहलका मचा दिया. दुनिया भर की कंपनियां टच स्क्रीन वाले इस फोन की नकल करने लगीं लेकिन आई फोन जितना सफल कोई और फोन नहीं हो सका. पिछले साल स्टीव जॉब्स की ही अगुवाई में एप्पल ने टैबलेट कंप्यूटर आई पैड लांच किया, जो एक बार फिर से हिट रहा. एप्पल अपने आई पॉड के लिए पहले से ही जाना जाता रहा है.
समझा जाता है कि आई पैड का अगला वर्जन आई पैड 2 आने वाले दिनों में बाजार में उतर सकता है और जानकारों का कहना है कि एप्पल ने बाजार में जो जगह बना ली है वह एकदम से खत्म होने वाली नहीं है. लेकिन अगर जॉब्स लंबे वक्त तक कंपनी का कामकाज देखने में असमर्थ रहे, तो इसकी प्रतिष्ठा पर प्रभाव पड़ सकता है.
हालांकि एप्पल में जॉब्स की जगह लेने वाले पर चर्चा नहीं होती लेकिन समझा जाता है कि अगर जॉब्स की जगह कोई ले सकता है तो वह रोजाना का कामकाज देख रहे टिम कुक ही हैं. कुक को 2005 में कंपनी का सीओओ बनाया गया और वह तकनीकी रूप से अद्वितीय बताए जाते हैं. 2009 में जब लीवर ट्रांसप्लांट के लिए जॉब्स ने छह महीने की छुट्टी ली तो कुक ने ही कंपनी को पूरी तरह से चलाया.
एप्पल का भविष्य
तकनीकी मामलों के जानकारों का कहना है कि निश्चित तौर पर स्टीव जॉब्स के न रहने से एप्पल की साख पर असर पड़ सकता है. जॉब्स एक बेहद दूरदर्शी पेशेवर समझे जाते हैं. लेकिन अगर उनका कैंसर बढ़ता है, तो जॉब्स के लौटने पर संदेह है. एप्पल ने कभी भी जॉब्स की बीमारी के बारे में खुल कर बात नहीं की है.
2004 में उनके यकृत के ट्यूमर का मुश्किल ऑपरेशन किया गया. हालांकि इस ट्यूमर को जानलेवा नहीं बताया गया लेकिन इससे सेहत बुरी तरह प्रभावित होती है और जॉब्स की तस्वीरें देखें, तो यह बात साफ नजर आती है. 2009 में छुट्टी से लौटने के बाद वह काफी दुबले लग रहे थे.
एप्पल को अपनी तिमाही नतीजा आज ही घोषित करना है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः एस गौड़