एसएम कृष्णा ने नेपाल में शांति प्रक्रिया पर चिंता जताई
२१ अप्रैल २०११नेपाल के प्रधानमंत्री जलनाथ खनल के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती है नया संविधान, जिसे पेश होने में केवल पांच हफ्तों का समय बचा है. इसके अलावा उन्हें पूर्व माओवादियों को सेना में शामिल भी करना है. प्रधानमंत्री के साथ कृष्णा की मुलाकात में यही मुद्दे अहम रहे. कृष्णा ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से शांति प्रक्रिया और संविधान के बारे में चर्चा की. इनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारे प्रधानमंत्री के कंधों पर ही है. मुझे पूरा भरोसा है कि सरकार इन मुद्दों का हल निकालने में सफल रहेगी."
बैठक में भारत और नेपाल के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश पर चर्चा की गई. कृष्णा प्रधानमंत्री खनल के अलावा राष्ट्रपति राम बरन यादव और उप प्रधानमंत्री भारत मोहन अधिकारी से भी मिले. गुरुवार को कृष्णा राजनैतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगे. कृष्णा ने कहा कि भारत ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगा जिस से नेपाल की सुरक्षा पर बुरा असर पड़े.
जानकारों का मानना है कि यह यात्रा बहुत ही संवेदनशील समय पर हुई है. राजनीतिक विश्लेषक तीर्थ कोइराला कहते हैं, "नेपाल की राजनीति में हमेशा से भारत का बड़ा हाथ रहा है. अभी के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि कृष्णा की यात्रा बहुत ही अहम वक्त पर हुई है, क्योंकि जब भी नेपाली नेताओं को राजनीतिक सलाह लेनी होती है, तो वे दिल्ली की ओर देखते हैं."
कृष्ण बिर्गुंज भी जाएंगे जहां भारतीय सहयोग से तराई फास्ट ट्रेक रोड का निर्माण शुरू होना है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: वी कुमार