ऐतिहासिक शतक से चूके सचिन
२५ नवम्बर २०११तीन दिन तक खाली रहने वाला मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम शुक्रवार को खचाखच भर गया. हर कोई इसी उम्मीद में आया था कि सचिन 67 रन के आगे खेलते हुए 33 रन और बना लेंगे. उनके शतकों को शतक पूरा हो जाएगा. क्रिकेट के मैदान पर एक गगनचुंबी कीर्तिमान बनेगा. इस पल का गवाह बनने की ख्वाहिश लिए लोग स्टेडियम पहुंचे.
कामकाज में फंसे होने के बावजूद नौकरीपेशा लोग भी सचिन के बहाने बड़े अधिकार के साथ दस मिनट का ब्रेक मारने के लिए तैयार हो गए. एक शानदार छक्के के साथ सचिन ने 87 से 93 पर छलांग लगाई. जब गेंद हवा में थी तो लोगों की जान अटकी और जैसे सीमा रेखा के पार टप्पा खाई तो शतकों के शतक का उत्साह घुमड़ पड़ा. इसके बाद सचिन एक सिंगल लेकर 94 पर पहुंचे.
87वां ओवर रॉमपॉल ने फेंका. रॉमपॉल के बीते ओवरों में एक एक चौका जड़ने वाले सचिन तैयार थे. लेकिन ओवर की आखिरी गेंद मातम सा फैला गई. रॉमपॉल की गेंद सचिन के बल्ले का किनारा लेती हुई सीधे सेंकेंड स्लिप में सैमी के हाथों में समा गई. वानखेड़े समेत पूरा भारत खामोश सा हो गया. किसी ने सिर पर हाथ रखा, तो किसी का मुंह खुला रह गया, कोई 'हट यार' कह कर मलाल करता रह गया.
सचिन बल्ला बायीं बांह में दबाए और दस्ताने खोलते हुए मैदान से बाहर निकले. उनके चेहरे में खामोशी थी. मार्च के बाद यह चौथा मौका है जब सचिन शतक बनाने से चूके हैं. इससे पहले वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 85, इंग्लैंड के विरुद्ध 91 और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 76 पर पहुंच कर वे आउट हो गए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन