ऑस्ट्रेलियाई दूल्हा, केरल की दुल्हन
२१ सितम्बर २०१०ऑस्ट्रेलिया से आए तीस लोगों की बारात जब शादी के लिए चर्ज के दरवाजे पर पहुंची तो सजे हुए हाथियों ने सूंड उठाकर और पंचवाद्यम की पारंपरिक धुनों ने उनका स्वागत किया. केरल के खास पकवानों से उड़ती खुशबू बरातियों का ध्यान बार बार अपनी तरफ खींच रही थी पर मजबूरी यह कि बगैर शादी हुए खाना कैसे खाया जाए. खैर चर्च में फादर ने शादी की रस्में पूरी कराईं और फिर मेहमानों को केरल के लज्जतादर पकवानों पर हाथ साफ करने का मौका मिला.
दो अलग देशों के इन दूल्हा और दुल्हन के बीच प्यार की नींव उस वक्त पड़ी जब मेलबर्न में 1990 से ही काम कर रहे सोमन चकोला अपने साथ परिवार को भी वहां ले गए. बेटी स्मिता की स्कूल मे टिमोथी से मुलाकात हुई और फिर प्यार का सिलसिला चल निकला. फिलहाल दोनों मेलबर्न की अलग अलग कंपनियों में काम करते हैं.
यूं तो टिमोथी कैथलिक हैं लेकिन शादी करने के लिए चैल्डिन सीरियन चर्च को स्वीकार किया. यह केरल का सबसे पुराना ईसाई समुदाय है जो पूर्वी ईसाई मान्यताओं के हिसाब से चलता है. टिमोथी के मां बाप को भी इस शादी से कोई एतराज नहीं है. दोनों ने इन्हें अपना आशीर्वाद दिया और काफी खुश थे. शादी की रस्में तो केरल में पूरी हुईं लेकिन शादी को ऑस्ट्रेलिया में भी रजिस्टर कराना होगा क्योंकि दूल्हा दुल्हन, दोनों अब ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं. ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक रीती से शादियां बहुत कम ही होती हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार