ओबामा की गुहारः काम पूरा कर लेने दो
१५ अप्रैल २०११राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए अभियान शुरु करने के बाद पहले कार्यक्रम में बराक ओबमा ने विरोधियों से अपने काम की तीखी तुलना की. जीत की खातिर ओबामा ने समर्थकों से अपने भीतर फिर वही आग जलाने की अपील की जिसने उन्हें भारी बहुमत से पहली बार राष्ट्रपति के पद पर बिठाया. ओबामा ने कहा कि पिछले दो सालों में 'असाधारण प्रगति' हुई है और उन्होंने समर्थकों से अधूरे काम को पूरा करने का मौका मांगा.
रिकॉर्ड चंदे के आसार
ओबामा ने अमेरिका में बजट के मुद्दे पर चल रहे दोनों पार्टियों के बीच संघर्ष के दौर का इस्तेमाल चुनाव अभियान के लिए फंड जुटाने में भी किया. इस दौरान हुए उनके गृहनगर में हुए तीन कार्यक्रमों से करीब 20 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम जमा होने का अनुमान लगाया गया है.
राष्ट्रपति ने बुधवार को अमेरिका का घाटा 4 खरब डॉलर कम करने के लिए 12 साल की एक योजना का प्रस्ताव रखा है. ओबामा की इस योजना के गुब्बारे में रिपब्लिकन सांसद पॉल रेयॉन ने सूई चुभो दी है. रेयान ने इतना ही घाटा कम करने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर दिया. रेयान के प्रस्ताव में टैक्स बढ़ाने की बजाय गरीबों और बुजुर्ग लोगों के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक खर्चों में कटौती की योजना है. रिपब्लिकन ओबामा की अमीर लोगों पर टैक्स बढ़ाने की योजना का विरोध कर रहे हैं. ओबामा ने अपने चुनाव अभियान के लिए इतनी जबर्दस्त शुरुआत करके उनके मुंह पर ताला जड़ दिया है. अनुमान लग रहे हैं कि अगर ओबामा इसी तरह धन जुटाते रहे तो 2012 के चुनाव के लिए उनके पास 1 अरब डॉलर की रिकॉर्ड राशि जमा हो जाएगी.
ओबामा को बढ़त
ओबामा ने कहा, "उनकी (रिपब्लिकन की) योजना में हम सड़क, पुल, तेज रफ्तार की रेल सेवा और ब्रॉडबैंड के लिए निवेश नहीं कर पाएंगे. हमारा देश गड्ढों का देश बन जाएगा." ओबामा ने शुरुआती सर्वेक्षणों में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवारों से बढ़त ले ली है लेकिन ज्यादातर सर्वेक्षणों में उन्हें 50 फीसदी से कम वोट मिले हैं. ओबामा ने खुद को थोड़ा बुजुर्ग और अधेड़ घोषित करते हुए कहा, "मेरी ढाल को कुछ खरोंचें और आघात लगे हैं लेकिन नजर नहीं बदली है."
ओबामा पिछले साल बड़ी मुश्किल से बुश के जमाने में बनी टैक्स कटौती की योजना को लागू करने के लिए तैयार हुए थे. उनका कहना है कि अगर अमीर लोगों पर थोड़ा और टैक्स लगा दें तो अमेरिका अपनी चुनौतियों का सामना कर लेगा और इसके लिए उसे अपने लोगों की जिम्मेदारियों से पीछे हटने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
ओबामा ने बीच का रास्ता पकड़ने की कोशिश की है और वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से भी समझौते की राह पर चल रहे हैं. खासतौर से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत हासिल करने के बाद और सीनेट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के बाद वह ज्यादा चौकस हो गए हैं.
रिपोर्टः एजेंसिया/एन रंजन
संपादनः ए कुमार