ओस्लो में बम धमाका और फायरिंग, 17 की मौत
२३ जुलाई २०११शुक्रवार को ओस्लो में नॉर्वे के प्रधानमंत्री कार्यालय के पास की एक सरकारी इमारत में पहले धमाका हुआ. धमाके में सात लोग मारे गए. धमाके के कुछ ही घंटों बाद ओस्लो के उटोइया द्वीप में चल रहे यूथ कैंप पर पुलिस की वर्दी में आए हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग की. 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. कई गंभीर रूप से घायल हैं.
पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. नॉर्वे के न्याय मंत्री क्नूट स्टोरबेरगेट ने ने कहा, "एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. मुझे ऐसी जानकारी मिली है कि वह नॉर्वे का ही है. फिलहाल इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं जा सकती. अभी कुछ कहना काफी जल्दबाजी होगी."
पुलिस ने आशंका जताई है कि यूथ कैंप की वारदात में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस के भेष में आए बंदूकधारी ने सत्ताधारी लेबर पार्टी यूथ कैंप के पास पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी. मौके पर मौजूद एमेली बेरसास के मुताबिक, "मैं कई लोगों को भागते और चीखते हुए देखा. मैं पास की ईमारत में घुसी और बिस्तर के नीचे छुप गई. यह बहुत डरावना अनुभव था. एक बार तो इमारत के काफी करीब फायरिंग होने लगी. ईमारत पर भी गोलियां लगीं. दूसरे कमरे के लोग चीखने लगे. ऐसी घटनाएं नॉर्वे के लिए सच जैसी नहीं है. हम सुनते थे कि ऐसी घटनाएं तो अमेरिका में होती हैं."
नॉर्वे पुलिस ने आशंका जताई है कि कुछ जगहों पर विस्फोटक छुपाए गए हो सकते हैं. पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय के पास हुए धमाके को बम हमला करार दिया है. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक बम धमाके और फायरिंग की घटना में आपसी संबंध हैं. हालांकि पुलिस ने आधिकारिक रूप से कहा है, "अभी हमारे पास साजिश से जुड़ी कोई कहानी नहीं है. फिलहाल हम साजिश पर काम भी नहीं कर रहे हैं. अभी हालत नियंत्रण में करना ही प्राथमिकता है."
अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री येंस स्टॉल्टनबेर्ग ने कहा, "लोग ऐसे भयानक अनुभव से गुजरे, जिसकी बहुत कम लोग कल्पना कर सकते हैं. आने वाले दिन बताएंगे कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं और उन्हें किस तरह की सजा दी जाती है. जिस किसी ने भी हम पर हमला किया है उसे नॉर्वे जवाब देता है कि तुम हमें तबाह नहीं कर सकते. तुम हमारे लोकतंत्र और बेहतर दुनिया के हमारे विचार को नष्ट नहीं कर सकते."
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़