औरतें चलाती हैं स्टेशन तो मर्द करते हैं ताकझांक
जयपुर का गांधी नगर रेलवे स्टेशन भारत का पहला ऐसा स्टेशन है जिसे सिर्फ महिलाएं चलाती हैं.औरतों को सारे काम करते देख पुरुष हैरान होते हैं और ताकाझांकी करते हैं.
गांधीनगर स्टेशन पर सुपरिटेंडेंट से लेकर कंडक्टर और स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी भी महिलाएं ही उठा रही हैं. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन यहां नौकरियों में महिलाओं की संख्या बहुत कम है.
स्टेशन की सुरक्षा से लेकर तकनीकी कामों का जिम्मा भी महिलाओं के हाथ में है. भारत तो क्या दुनिया के ज्यादातर हिस्से में अब भी इसे सिर्फ पुरुषों का काम समझा जाता है लेकिन यह धारणा अब टूट रही है.
गांधी नगर स्टेशन पर एक क्रेच की सुविधा भी है ताकि महिला कर्मचारी बच्चों को काम पर अपने साथ ला सकें. इसके साथ ही स्टेशन पर सैनिटरी नैपकीन की वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है.
स्टेशन सुपरवाइजर नीलम जाधव कहती हैं कि इस जिम्मेदारी ने एक तरह से उड़ने के लिए नए पंख दे दिए हैं लेकिन उन्हें अभी भी जूनियर कर्मचारियों में महिला बॉस को लेकर उठने वाली आशंकाओं का सामना करना पड़ता है
गांधी नगर स्टेशन से हर रोज 50 ट्रेन गुजरती है इनमें से 25 ट्रेन यहां रुकती हैं. महिलाएं सभी सुरक्षा नियमों का पालन करती हैं और हर काम यहां तय मानकों के हिसाब से ही होता है.
गांधी नगर स्टेशन से हर रोज तकरीबन 7000 यात्री आते जाते हैं. इनमें बहुत से लोग दूरदराज के गांवों से आए हैं, शहर पहुंचने पर पहली बार महिलाओं को स्टेशन पर इस तरह के काम करते देख उनकी आंखें चुंधिया जाती हैं.
सौम्या माथुर जयपुर रेलवे डिविजन की प्रमुख हैं और दो बच्चों की मां भी. उन्हें उम्मीद है कि स्टेशन से गुजरने वाली लड़कियां यहां के कर्मचारियों से सबक लेंगी और "खुद पर भरोसा करना शुरू करेंगी."
टिकट काउंटर में मुख्य टिकट कलेक्टर महिमा दत्त शर्मा और उनकी डिप्टी उषा चौहान, स्टेशन पर कुल 28 महिला कर्मचारी हैं जिनमें सफाई कर्मी से लेकर स्टेशन स्टेशन मास्टर तक शामिल हैं.
महिमा दत्ता शर्मा टिकट काटती हैं. यहां आने वाले यात्री बार बार खिड़की में से अंदर झांकते हैं. महिमा कहती हैं कि बाहर बोर्ड पर सारी जानकारी है लेकिन इसके बाद भी वो ऊल जलूल सवाल लेकर खिड़की पर चले आते हैं.
इस तरह की कोशिशें ना सिर्फ रुढ़िवादी राजस्थान में नई जमीन तैयार कर रही हैं बल्कि उन सामाजिक रीतियों को भी पलट रही हैं जिनमें महिलाओं के लिए सम्मानजनक स्थान सिर्फ घर में रहना होता है.