कचहरी के ट्रैक में फॉर्मूला वन
१७ जुलाई २०१३82 साल के एकलस्टन पर मोटर रेसिंग बिजनेस के शेयर बेचने के लिए रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. म्यूनिख की अदालत की प्रवक्ता ने बताया कि उन पर रिश्वत देने और नियमों के तहत भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया गया है.
मामला जर्मनी के एक बैंक से जुड़ा है. आरोप है कि एकलस्टन ने एक बैंकर को रिश्वत दी, जिसके बाद बायर्न एलबी ने फॉर्मूला वन के 48 फीसदी स्टॉक सीवीसी नाम की कंपनी को बेच दी. बताया जाता है कि एकलस्टन इस कंपनी को नए शेयरधारक के तौर पर देखना चाहते थे.
फॉर्मूला वन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले एकलस्टन कई बार इस आरोप से इनकार कर चुके हैं. मामला आरोपित होने के बाद उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस मामले के सामने आने के बाद सिंगापुर में फॉर्मूला वन को लेकर बिजनेस की नई योजनाएं खटाई में पड़ सकती हैं.
एकलस्टन ने पूरी दुनिया में फॉर्मूला वन की रेसों को मशहूर किया है और इसकी शुरुआत से लेकर ही वह इसके केंद्र में बने हुए हैं. वे इस उम्र में भी सभी जगह की रेसों में नजर आते हैं और साफ कर चुके हैं कि उनका रिटायरमेंट लेने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि फॉर्मूला वन के तंत्र में उनकी जगह लेने वाला कोई और दिखता भी नहीं है.
ताजा मामला तब सामने आया, जब एकलस्टन ने बायर्न एलबी के पूर्व प्रमुख गेरहार्ड ग्रिब्कोवस्की को कुछ रकम अदा की. ग्रिब्कोवस्की को टैक्स चोरी के मामले में पिछले साल छह महीने जेल की सजा हो चुकी है.
एकलस्टन ने नवंबर 2011 में म्यूनिख की अदालत में बयान दिया था कि यह पैसा रिश्वत के तौर पर नहीं दिया गया था. सीवीसी के पास कभी फॉर्मूला वन के 63 फीसदी शेयर थे, जो उसने घटा कर अब करीब 35 फीसदी कर दिया है.
एजेए/एमजी (रॉयटर्स)