कराची में 27 लोगों की हत्या
१५ जनवरी २०११मारे गए 27 लोगों में एक स्थानीय पत्रकार भी है. शहर के पुलिस प्रमुख फैयाज लेघारी के मुताबिक, ''अलग अलग जगहों पर अज्ञात बंदूकधारियों ने फायरिंग की है.'' शुक्रवार को हमलावरों ने सरेआम एक बस में गोलियां चला दी. इन घटनाओं के बाद कराची में दहशत और तनाव है.
मारे गए लोगों में कई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग हैं. इनमें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट से जुड़े लोग भी शामिल हैं. पुलिस ने हिंसा के पीछे चार संदिग्धों पर शक जताया है. अधिकारियों के मुताबिक काफी दिनों बाद शहर में हिंसा की यह नई लहर आई है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सोमवार से अब तक शहर में 39 लोगों की हत्या हो चुकी है.
कराची में 2010 में भी 200 से ज्यादा लोगों की इसी तरह चुन चुनकर हत्या कर दी गई थी. ऐसी वारदातों को टारगेट किलिंग कहा जाता है. पाकिस्तान की व्यापारिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में दशकों से जातीय हिंसा होती रही है. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम)और आवामी लीग (एएनपी) हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराती हैं. एमक्यूएम उर्दू भाषियों की पार्टी मानी जाती है जबकि एएनपी कराची में बढ़ती पश्तो आबादी की पार्टी मानी जाती है. इन्हीं दोनों पार्टियों पर एक दूसरे के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या कराने के आरोप लगते रहते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन