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कर्ज रेटिंग घटने के डर से यूरोजोन में हलचल

६ दिसम्बर २०११

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर की चेतावनी के बाद जर्मनी और फ्रांस में आर्थिक हलचल तेज हुई. बर्लिन और पैरिस ने यूरोजोन को संकट से निकालने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाने पर हामी भरी है.

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तस्वीर: dapd

स्टैंडर्ड एंड पुअर्स जर्मनी और फ्रांस समेत यूरो जोन के 15 देशों को कर्ज रेटिंग गिराने की चेतावनी दी. एजेंसी ने चेतावनी दी कि जल्द इन देशों की कर्ज रेटिंग 'एएए' श्रेणी से गिर सकती है. कर्ज रेटिंग घटाने का मतलब है कि इन देशों को कर्ज लौटाने की बेहतर स्थिति में नहीं माना जाएगा. संस्था ने निचली ट्रिपल ए रेटिंग वाले यूरोजोन के नौ देशों को नकारात्मक निगरानी सूची में भी रख दिया है.

रेटिंग गिराने की चेतावनी के बाद जापान, कोरिया, चीन और भारत के बाजार गिर गए. बाजारों में भरोसा जगाने और वित्तीय सप्लाई ढंग से बहाल रखने के लिए जर्मनी और फ्रांस ने तुंरत साझा बयान जारी किया. साझा बयान के बाद जापान का बाजार ही संभल सका. भारत और चीन के बाजारों ने गोता खाया.

मैर्केल और सारकोजी ने साझा बयान जारी कर कहा, "फ्रांस और जर्मनी पूरी एकता से अपनी इच्छाशक्ति की पुष्टि करते हैं. हम अपने साझीदारों से संपर्क कर सभी जरूरी कदम उठाएंगे ताकि यूरोपीय संस्थाएं यूरो क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करेंगे." बयान में यह भी कहा गया कि दोनों देश रैंकिंग के नीचे जाने की संभावना से भी वाकिफ हैं.

Proteste im Bankenviertel Frankfurt
तस्वीर: picture alliance / landov

नकारात्मक वॉच लिस्ट

जर्मनी व फ्रांस की तरह ही अच्छी कर्ज रेटिंग वाले ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड्स के सामने भी संकट खड़ा हो गया है. ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, फिनलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग की रेटिंग एक अंक नीचे जा सकती है. वहीं नीदरलैंड्स की रेटिंग को दो अंकों का नुकसान हो सकता है. इस लिस्ट में आने का मतलब है कि 50 फीसदी संभावना है कि अगले कुछ महीनों में इन देशों की रेटिंग गिर जाए.

स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने इन देशों की लंबे अवधि के कर्ज पर रेटिंग गिराने की चेतावनी दी है. स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के बयान में कहा गया है, यह कदम "हमारे इस यकीन के बाद उठाया गया है कि बीते हफ्तों में यूरोजोन पर एक व्यवस्थित दबाव बढ़ गया है. इसी वजह से उन्हें और पूरे यूरोजोन को डाउनग्रेड प्रेशर में रखा गया है."

नई संधि की योजना

गुरुवार और शुक्रवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय सम्मेलन हो रहा है, जिसमें शीर्ष नेता आएंगे. लेकिन इससे पहले ही सोमवार को जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी की मुलाकात हुई. यूरो संकट के कारण इन दिनों सारकोजी और मैर्केल नियमित मिल रहे हैं.

दोनों नेताओं ने एक नई यूरोपीय संधि की बात कही है. नई संधि के तहत वित्तीय नियमों को तोड़ने वाले देशों पर स्वतः प्रतिबंध लग जाएंगे. मैर्केल ने कहा है कि यूरोपीय अदालत इस बात की जांच कर पाएंगे कि यूरो जोन के सदस्य देशों के राष्ट्रीय बजट नए गैर घाटे संबंधी नियमों के अनुकूल हैं. सारकोजी और मैर्केल यूरोपीय स्थिरता तंत्र बनाने पर भी राजी हुए हैं. यह 2013 से लागू होगा. 2012 तक इसकी रुपरेखा तय कर दी जाएगी. फ्रांस और जर्मनी विवादित यूरोजोन बांड्स पर भी सहमत हो गए है. दोनों का कहना है कि बांड्स से कर्ज संकट हल नहीं होगा.

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह

संपादनः महेश झा

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