कर्ज संकट पर जर्मनी और फ्रांस में सहमति
२१ जुलाई २०११जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी बर्लिन में बुधवार देर रात तक चली बैठक में एक साझा रुख पर सहमत हो गए. दोनों ही साझा मुद्रा वाले 17 यूरोपीय देशों को मिला कर बने यूरोजोन के सबसे अहम देश है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह सहमति गुरुवार को शुरू हो रहे यूरोजोन के शिखर सम्मेलन से चंद घंटों पहले बनी है. यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के अध्यक्ष ज्यौं क्लौद त्रिशे ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया.
अधिकारियों ने फ्रांस और जर्मनी के बीच हुई सहमित का ब्यौरा नहीं दिया है, लेकिन यह सहमति यूरोजोन के 17 सदस्यों के बीच हफ्तों से जारी विचार विमर्श की बुनियाद होगी. यूरोजोन में इस बात पर माथापच्ची हो रही है कि एक साल से चल रहे कर्ज संकट पर कैसे काबू किया जाए.
यूरोजोन के शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोसे मान्युएल बारोसो ने चेतावनी दी है कि मसले का हल नहीं तलाशा गया तो इसके असर पूरी दुनिया पर होंगे. बुधवार को उन्होंने कहा, "किसी को कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए. स्थिति बहुत गंभीर है. कदम उठाने की जरूरत है. वरना इसके नतीजे यूरोप के हर कोने मे और उससे बाहर भी झेलने होंगे."
फ्रांस के विदेश मंत्री एलैं जुप्पे ने भी स्थिति की गंभीरता का हवाला दिया है. वह कहते हैं, "हमें निश्चित तौर पर कोई समाधान तलाशना होगा ताकि अंतरराष्ट्रीय अटकलबाजियों का अंत हो और यूरोजोन स्थिर हो सके. अगर यूरोजोन ध्वस्त होता है तो यह बड़ी तबाही होगी."
यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले साल ग्रीस को 110 अरब यूरो का राहत पैकेज देने का फैसला किया जो नाकाफी साबित हो रहा है. तब से आयरलैंड और पुर्तगाल को भी अरबों डॉलर के पैकेज दिए गए हैं. कर्ज संकट से निपटने के मुद्दे पर जर्मनी के फ्रांस और ईसीबी के साथ मतभेद रहे हैं. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल चाहती हैं कि ग्रीस को दिए जाने वाले दूसरे राहत पैकेज में निजी निवेशकों को शामिल किया जाए. यह यूरोजोन का चौथा राहत पैकेज होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह