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कश्मीर से निकलेंगे अर्धसैन्य बलों के सैनिक

१४ फ़रवरी २०११

2011 में भारत सरकार कश्मीर से अर्धसैनिक बलों के 10 बटैलियन हटाना चाहती है. जम्मू कश्मीर राज्य में इस वक्त अर्धसैनिक बलों के लगभग 70 बटैलियन मौजूद हैं.

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तस्वीर: UNI

गृह सचिव गोपाल पिल्लई ने कहा, "मुझे लगता है कि इस साल हम आसानी से ज्यादा नहीं तो कम से कम 10 बटैलियन हटा सकते हैं. हालात चाहे जैसे भी हों, अगर मैं दस बटैलियन हटाता हूं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा." पिल्लई ने कहा कि गृह मंत्रालय के मुताबिक कश्मीर में सैनिकों को कम किया जा सकता है. कश्मीर में इससे कम सैनिकों से काम चलाया जा सकता है.

Jamia Masjid Srinagar
तस्वीर: UNI

उन्होंने कहा कि कश्मीर में इस वक्त 70 बटैलियन हैं. एक बटैलियन में 1,000 सैनिक होते हैं. यानी दस बटैलियनों को हटाने से 10,000 सैनिकों को वहां से निकाला जा सकेगा. पिछले साल जून से लेकर सितंबर तक चले दंगों और झ़ड़पों के बाद सरकार ने वादा किया था कि इलाके से केंद्रीय दलों के सैनिकों में कमी लाई जाएगी. कश्मीर में विवादित आर्म्ड फोर्सस स्पेशल पावर्स एक्ट एएफएसपीए में बदलाव लाए जाने के बारे में पिल्लई ने कहा कि अगर कुछ इलाकों को सुरक्षित करार दे दिया जाता है तो वहां से इस कानून को हटा दिया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर फैसला राजनीतिक स्तर पर होगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति कानून को हटाने पर विचार कर रही है.

इलाके में दोबारा हिंसा भड़कने की बात को लेकर पिल्लई ने कहा कि सर्वदलीय बैठक, मध्यस्थों और जम्मू कश्मीर के लिए टास्क फोर्स ने अपने रिपोर्ट सौंप दिए हैं. पिल्लई का कहना है कि कश्मीर में बदलाव आ रहे हैं, लेकिन उस गति से नहीं जितनी की उम्मीद की जा रही थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अलावा कश्मीर के लोगों से बात करने की जरूरत है जिससे नए तरकीब मिल सकेंगे. इस सिलसिले में केंद्र सरकार राज्य के दुर्गम इलाकों में बैठकों का आयोजन करेगी. इसमें केंद्रीय सरकार के 100 अधिकारियों के अलावा राज्य के अपने अधिकारी स्थानीय लोगों के मुद्दों को संबोधित करेंगे.

1980 से लेकर अब तक अलगाववादी आंदोलन की शुरुआत के बाद जम्मू कश्मीर में केंद्रीय बलों ने अब तक अपना दबदबा बनाए रखा है. पिछले साल के दंगों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और इसमें ज्यादातर युवा शामिल थे. ज्यादातर लोग भारतीय सैनिकों के खिलाफ मानवाधिकार हनन के मामलों को लेकर अपना गुस्सा जता रहे थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनःउभ

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