कश्मीरी पंडितों को वापस बुलाने की योजना
१२ अगस्त २००९कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों को वापस बुलाने के लिए 15,000 नौकरियां सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में उपलब्ध कराने के पैकेज का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा उन्हें सस्ते घर मुहैया कराने के लिए 130 करोड़ रूपए बजट में आवंटित किए गए हैं. प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की इस पुर्ननिर्माण योजना के तहत 5,242 घर बनाए जाने का प्रस्ताव है. 1990 के दशक में कश्मीर में हिंसा बढ़ने के कारण हज़ारों कश्मीरी पंडित विस्थापन के लिए विवश हो गए थे.
भारत प्रशासित कश्मीर में सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस ने पहले बजट में रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने, उद्योग, पर्यटन और आधारभूत ढांचे में विकास पर ज़ोर दिया गया है. राज्य सरकार ने माना है कि बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है और इस समस्या पर तत्काल ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है. राज्य के वित्त मंत्री अब्दुर रहीम राठेर ने कहा है कि, "कश्मीरी पंडितों को कश्मीरी समाज में फिर से स्थापित करना गठबंधन सरकार का प्रमुख लक्ष्य है."
भारत प्रशासित कश्मीर में चरमपंथियों का प्रभाव बढ़ने के बाद कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ हिंसा तेज़ हुई थी और बढ़ते हमलों के कारण उन्हें कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा था. एक अनुमान के मुताबिक़ घाटी से करीब 350,000 कश्मीरी पंडितों ने अन्य सुरक्षित इलाक़ों की ओर रूख़ किया था. 1990 में शुरू हुए पलायन के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय जम्मू सहित देश के कई अन्य शहरों में रह रहा है.
कश्मीरी पंडित राज्य और केंद्र सरकार से मदद मुहैया कराने की मांग करता रहा है लेकिन उन्हें घाटी में वापस बुलाए जाने की तमाम कोशिशें विफल रही हैं. अब राज्य में नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने कश्मीरी पंडितों को फिर से वापस बुलाने के प्रयास शुरू करने का संकेत दिए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एस जोशी