'कांगो में पिछले साल 15,000 बलात्कार'
१६ अक्टूबर २०१०लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो की सरकार पर देश के पूर्व हिस्से में हुई हत्याओं और बलात्कार के लिए आरोप लग रहे हैं. आरोप है कि सरकार की फौजें ही इन हत्याओं और बलात्कार को अंजाम दे रही हैं. इलाके में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख रोजर मीस ने कहा," यहां की समस्या काफी गंभीर है."
संयुक्त राष्ट्र के कांगो मिशन के प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को यह जानकारी दी. एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र के दूत ने कहा कि सरकारी फौज ने जुलाई और अगस्त में गांवों की महिलाओं पर हमला किया, उनकी हत्या की गई और उनके साथ बलात्कार किया गया. मीस ने किसी नए हमले का तो ब्यौरा नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा, "अब तक जो सबसे पक्के आंकड़े मौजूद हैं उनके मुताबिक कम से कम बीते एक साल में 15,000 महिलाओं का बलात्कार कांगो की सरकारी सेना के जवानों ने किया है."
सशस्त्र गुट कई बड़े इलाकों में सक्रिय हैं और अक्सर ही आम नागरिक भी इनमें घुल मिल जाते हैं. मीस ने सुरक्षा परिषद को बताया, "यह इलाका बहुत बड़ा है, अफगानिस्तान से करीब दोगुना बड़ा. और संयुक्त राष्ट्र का मिशन सभी नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी दे पाने में नाकाम साबित हो रहा है. सभी को सुरक्षा देने के लिए बड़ी भारी फौज और दूसरे संसाधनों की जरूरत होगी."
संयुक्त राष्ट्र के विवादित जगहों पर यौन शोषण मामले के विशेष दूत मार्गट वाल्सटॉर्म ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद से कहा कि सरकारी सेना दूर दराज के गांवों में महिलाओं की हत्या और बलात्कार कर रही है. जुलाई और अगस्त के महीनों में हजारों महिलाएं इन फौजियों का निशाना बनीं.
वॉल्सटॉर्म ने कहा, "इस बात की बहुत संभावना है कि जुलाई और अगस्त में एफडीएलआर और माई माई तत्वों ने जिन समुदायों को निशाना बनाया वही समुदाय सरकारी सेना के जुल्मों का भी शिकार हुआ है." वॉल्सटॉर्म विद्रोही डेमोक्रैटिक फोर्सेज फॉर द लिबरेशन ऑफ रवांडा, एफडीएलआर और माइ माइ मिलिशिया को जुलाई अगस्त में बड़े पैमाने पर हुए बलात्कारों के लिए पहले ही दोषी ठहरा चुकी हैं.
मीस का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना सरकारी सैन्य कार्रवाइयों में शामिल नहीं है. संयुक्त राष्ट्र मिशन सरकार पर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बना रहा है. मीस का कहना है कि गांवों में नए नए सैन्य अड्डे बनाए जा रहे हैं इन्हीं अड्डों का इस्तेमाल बलात्कार के लिए किया जा रहा है. मीस का यह भी कहना है कि सरकारी फौज में बहुत सारे वैसे लोग भी शामिल हो गए हैं जो 'नेशनल काउंसिल फॉर डिफेंस एंड पीपल' के पूर्व सदस्य हैं. इस गुट का नेतृत्व बॉस्को एंटागेंडा के हाथों में था जिनकी अब युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत को तलाश है. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक बॉस्को अब कांगो की सेना में जनरल के पद पर काम कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार