कांग्रेस ने बाबा और अन्ना को आड़े हाथ लिया
१३ जून २०११कोलकाता में कांग्रेस नेता और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रव्यापी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को छेड़ने की घोषणा की है. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए मुखर्जी ने कहा कि विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी अन्ना हजारे और रामदेव का सहारा ले रही है ताकि लोगों का समर्थन हासिल हो सके. कांग्रेस ने बीजेपी को असंवैधानिक तरीकों से आंदोलनों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया है.
प्रणब मुखर्जी ने कहा, "संविधान में संसद और राज्य विधानसभाओं के जरिए कानून पास किया जा सकता है. अगर 5-6 हजार लोग बाहर से यह बताने लगें कि संसद को कैसे और क्या काम करना चाहिए तो इससे लोकतंत्र कमजोर होगा. अगर लोगों से खारिज होने के बाद कोई पार्टी असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करने लगे तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता." अन्ना हजारे और रामदेव के आंदोलन का जवाब देने के लिए ही कांग्रेस ने अपना आंदोलन शुरू किया है.
प्रणब मुखर्जी के मुताबिक लोकतांत्रिक समाज में हर किसी के पास आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन जो लोग संवैधानिक प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, कांग्रेस उनका सामना करेगी. मुखर्जी ने अन्ना हजारे की उस मांग को नामंजूर कर दिया है जिसमें लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए होने वाली बैठकों का खुला प्रसारण करने के लिए कहा गया.
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी और आरएसएस पर जिम्मेदारी डालने का प्रयास किया जा रहा है. पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "प्रणब मुखर्जी गुस्सा होंगे क्योंकि रामदेव से मिलने एयरपोर्ट जाने पर कांग्रेस ने उन्हीं की आलोचना कर दी. लेकिन उन्हें अपना गुस्सा बीजेपी और आरएसएस पर नहीं निकालना चाहिए."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा