किम डॉटकॉम पाइरेसी के आरोप में गिरफ्तार
२० जनवरी २०१२मेगाअपलोड डॉट कॉम फाइलें साझा करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट है. उसके संस्थापक किम डॉटकॉम को इससे सिर्फ पिछले साल ही चार करोड़ बीस लाख डॉलर का फायदा हुआ. फिल्म उद्योग की शिकायत थी कि यह साइट चोरी की हुई सामग्री से पैसे बना रही है. कंपनी तो हांग कांग में चल रही थी लेकिन इसके मालिक किम डॉटकॉम न्यूजीलैंड में रहते थे. आरोप है कि साइट पर कुछ चोरी की हुई सामग्री वर्जीनिया से अपलोड कर ऑनलाइन की गई थी. अमेरिका के लिए कार्रवाई करने के लिए यह कारण काफी था.
वेबसाइट को गुरुवार को बंद कर दिया गया और किम डॉटकॉम के अलावा तीन और लोगों को शुक्रवार को न्यूजीलैंड में गिरफ्तार किया गया. अमेरिका ने इन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लाखों लोगों को अवैध तरीके से फिल्म, म्यूजिक और बाकी सामग्री डाउनलोड करने की सुविधा दी. इस कारण कॉपी राइट के मालिकों को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.
न्यूजीलैंड की पुलिस ने बंदूकें, पेंटिंग्स, 80 लाख डॉलर कैश और 50 लाख डॉलर की लक्जरी कारें जब्त की हैं. 10 सर्च वारंट के साथ पुलिस ने उनके कई और व्यवसाय और ऑकलैंड में कई घर भी सील किए.
इस खबर पर हैकर्स ने कड़ा विरोध किया और उनका गुस्सा अमेरिकी कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर उतरा. वेबसाइट का सर्वर गुरुवार शाम काफी समय तक डाउन रहा.
कहा जा रहा है कि यह मुकदमा कम से कम एक साल तक चल सकता है. किम डॉटकॉम के वकील ने वीडियो और फोटो लेने के मीडिया के अनुरोध को ठुकराया जबकि डॉटकॉम ने कहा कि उन्हें इससे कोई ऐतराज नहीं क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं. जज ने मीडिया को आने की अनुमति दी और साथ ही फैसला दिया कि चारों को सोमवार को अगली सुनवाई तक हिरासत में रहना पड़ेगा.
डॉटकॉम कौन है
अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट पर 'गॉड' लिखवाने वाले किम डॉटकॉम न्यूजीलैंड और हांग कांग के निवासी हैं और फिनलैंड और जर्मनी के नागरिक हैं. उन्होंने अपना नाम कानूनी तौर पर बदलवाया है. 37 साल के किम का नाम पहले किम श्मित्स था. वे अपना नाम किम टिम जिम फेस्टर भी रख चुके हैं.
2001 में डॉटकॉम (उस समय श्मित्स) ने दीवालिया हो चुकी लेट्सबाईइट डॉट कॉम को खरीदा और घोषणा की कि वह लाखों का निवेश करेंगे. शेयर की कीमत 300 फीसदी उछल गई. इसके बाद उन्होंने 15 लाख डॉलर के फायदे पर शेयर बेच दिए. न्यूजीलैंड में वह खबरों में तब आए जब उन्होंने सबसे महंगा घर खरीदने की कोशिश की. उन्हें न्यूजीलैंड ने अनुमति दे दी कि वह ढाई करोड़ डॉलर का निवेश करें लेकिन मंत्रियों ने इसे रोक दिया. आखिरकार उन्हें पिछले साल इसकी अनुमति मिल गई और उन्होंने मकानों में 80 लाख अमेरिकी डॉलर का निवेश किया. साथ ही क्राइस्टचर्च भूकंप के दौरान दान भी दिया.
बंद किए जाने के पहले मेगाअपलोड ने कंपनी की वेबसाइट पर लिखा, "यह आरोप कि उसने कॉपीराइट कानून तोड़े हैं, इसे बढ़ा चढ़ा कर बोला गया है. तथ्य यह है कि मेगा का इंटरनेट ट्रैफिक कानूनी है और हम यहां बने रहेंगे. अगर कंटेट इंडस्ट्री हमारे नाम का फायदा उठाना चाहती है तो हम उनसे बातचीत के लिए तैयार हैं. हमारे पास कुछ बहुत अच्छे आयडिया हैं. हमसे संपर्क करें."
मेगाअपलोड से जुड़ी कई और वेबसाइट्स भी बंद कर दी गई हैं. डिजिटल अधिकार और इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी करने वाली संस्था इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन ने कहा, "डरा देने वाली कार्रवाई. अगर अमेरिका एक डच नागरिक को न्यूजीलैंड में कॉपीराइट क्लेम के लिए गिरफ्तार कर सकता है, आगे और क्या क्या होगा...."
रिपोर्टः एपी/डीपीए/आभा एम
संपादनः महेश झा