किसने कराई रूसी एजेंट की हत्या?
२१ जनवरी २०१६लिटवीनेंको की हत्या को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में "परमाणु आतंकवाद" के पहले मामले के रूप में देखा गया. संदिग्ध हमले के बाद इर्द गिर्द के इलाके में रेडियोधर्मी किरणों के सुराग मिले थे, जो निवासियों के गुस्से का कारण भी बना.
कौन था अलेक्जांडर लिटवीनेंको?
लिटवीनेंको 2000 में रूस से भाग कर ब्रिटेन पहुंचा, और वहां उसने शरण ले ली. उससे पहले तक वह रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहा था. ब्रिटेन आने के बाद उसने वहां की नागरिकता ली और इस्लाम को भी अपना लिया. रिपोर्ट के अनुसार लिटवीनेंको को एफएसबी में एक ऐसे शख्स के रूप में देखा जाने लगा था, जिसने संस्था को धोखा दिया है और यही उसकी मौत का कारण भी बना. लिटवीनेंको को पुतिन के आलोचकों में गिना जाता था और एफएसबी के अनुसार वह ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के लिए काम करने लगा था.
कैसे हुई हत्या?
लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी पीने के बाद 43 साल के लिटवीनेंको की हालत खराब हो गई. चाय की जांच करने पर पता चला कि उसमें रेडियोधर्मी पोलिनियम 210 डला हुआ था. यह कोई साधारण जहर नहीं है, बल्कि परमाणु ऊर्जा घरों में ही पाया जाता है. यहीं से हत्या में रूसी सरकार का हाथ होने की बात शुरू हुई.
इस हादसे से छह साल पहले लिटवीनेंको ब्रिटेन पहुंचा था. तीन हफ्ते तक परमाणु जहर से जूझने के बाद 23 नवंबर 2006 को उसकी मौत हो गयी. मरने से पहले उसने बयान दिया कि साजिश के लिए पुतिन जिम्मेदार हैं. लिटवीनेंको की पत्नी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे पति के अंतिम शब्द, कि पुतिन उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं, वे आज ब्रिटेन की अदालत में सच साबित हो गए हैं." उन्होंने ब्रिटेन सरकार से अपील की है कि रूस पर प्रतिबंध लगाए जाएं और राष्ट्रपति पुतिन के देश में आने पर भी रोक लगाई जाए.
किस किस पर लगे आरोप?
ब्रिटेन की पुलिस ने रूस के ही आंद्रे लुगोवोई और दिमित्री कोवतून को मुख्य आरोपी बताया था. लेकिन उन्हें गिरफ्तार किया जा सके, इससे पहले ही वे रूस लौट गए. ताजा रिपोर्ट में जज रॉबर्ट ओवन ने लिखा है, "मुझे यकीन है कि आंद्रे लुगोवोई और दिमित्री कोवतून ने ही 1 नवंबर 2006 को पाइन बार में चाय की केतली में पोलोनियम 210 मिलाया था." ओवन का कहना है कि किसी निजी रंजिश के सबूत नहीं मिले हैं और यही समझ आ रहा है कि हत्या सरकार ने कराई.
रिपोर्ट में ब्रिटेन सरकार से रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा गया है. "लिटवीनेंको के कत्ल का एफएसबी के ऑपरेशन की अनुमति संभवतः निकोलाई पात्रुशेव और राष्ट्रपति पुतिन ने दी थी." पात्रुशेव रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी के पूर्व निदेशक हैं. 2008 से वे रक्षा मंत्रालय में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
रूस का क्या कहना है?
रूस ने रिपोर्ट के नतीजों को खारिज कर दिया है और पूरी जांच को राजनीति प्रेरित बताया है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने एक बयान में कहा, "हमारे पास ऐसा सोचने की कोई वजह नहीं है कि राजनीतिक रूप से प्रेरित और अपारदर्शी रिपोर्ट के नतीजे अचानक की निष्पक्ष हो जाएंगे." छह महीने तक चली जांच में रूस ने हिस्सा लेने से मना कर दिया था.
आईबी/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)