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किसानों के उग्र प्रदर्शन के बाद कड़ी सुरक्षा

९ मई २०११

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सो में किसानों के प्रदर्शन के बाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है ताकि वे प्रभावित इलाकों में नहीं जा सकें.

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प्रदर्शनों के बाद कड़ी सुरक्षातस्वीर: UNI

बीजेपी के नेता राजनाथ सिंह, एसपी नेता शिवपाल सिंह यादव और मोहन सिंह सहित उनके समर्थकों को भी पुलिस ने हिरासत में रखा है. ये सभी ग्रेटर नोएडा की ओर जा रहे थे.

मायावती सरकार को किसान विरोधी बताते हुए एसपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि वह किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीद रही है और निजी डेवलपर्स को बड़े प्रीमियम पर बेच रही है. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मामले के न्यायिक जांच की मांग की है. ग्रेटर नोएडा के भट्टा गांव में गोलीबारी में दो किसान और दो पुलिसकर्मी मारे गए. एसपी नेताओं ने कहा, "हमने रिटायर्ड जजों की एक दो सदस्यों वाली समिति बनाने की मांग की है कि जो जमीन के मुआवजे के बारे में फैसला ले."

Indien Bauern diskutieren über Entschädigung in Uttar Pradesh
किसान नेता की सरगर्मी से तलाशतस्वीर: UNI

ग्रेटर नोएडा में पुलिस विशेष महानिदेशक ब्रिजलाल ने कहा, "फिलहाल स्थिति सामान्य है और शनिवार के बाद हुई हिंसा के मामले में अब तक 22 लोग गिरफ्तार किए गए हैं."

पीएसी के 5000 कर्मी, रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस को ग्रेटर नोएडा के गांवों में तैनात किया गया है. किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया, उसके सहयोगी गजे सिंह, प्रेमवीर, नीरज मलिक, किरणपाल और मनोज की सरगर्मी से तलाश की जा रही है.

कई हिरासत में

तेवतिया के खिलाफ 20 से ज्यादा केस दर्ज है. वह 17 जनवरी से किसान आंदोलन चला रहे हैं. उनका पता देने वाले के नाम 50000 रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है. और तेवतिया के सहयोगियों के नाम 15-15 हजार के इनाम की घोषणा की गई है.

आगरा के अमितपुर में गांव वालों के आगजनी और हथियार इस्तेमाल करने के मामले में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं. अलीगढ़ में 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर हैं. सोमवार सुबह करीब एक दर्जन किसानों को ग्रेटर नोएडा में हिरासत में लिया गया.

ग्रेटर नोएडा के भट्टा और परसौल गांवों की घेराबंदी कर दी गई है और दो किलोमीटर का इलाका पूरी तरह से सील कर दिया गया है.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए जमाल