कुत्तों के प्यार ने बनाया स्टार
२२ सितम्बर २०१०तीस वर्षीय मार्टिन रुएटर ने स्विट्जरलैंड में पशु चिकित्सा की एक निजी अकादमी में पशु मनोविज्ञान की पढाई की. 1995 से वे कुत्तों के लिए अपनी खुद की एक संस्था चलाते हैं. उन्होंने कुत्तों की सही तरह से देख भाल के लिए एक अनोखा तरीका निकला है जिसे वे डॉग्स कहते हैं. डॉग्स यानी डॉग ओरिएनटिड गाइडिंग सिस्टम. इस सिस्टम के चलते रुएटर लोगों को कुत्तों को पालने की ट्रेनिंग देते हैं.
रुएटर का मानना है कि कुत्ते केवल देखने में या रंग, आकार और नस्ल में ही अलग नहीं होते बल्कि हर कुत्ते का व्यक्तित्व भी अलग होता है, वैसे ही जैसे हर इंसान दूसरे से किसी न किसी मायने में अलग है. कुत्तों की प्रकृति और उनके स्वभाव को समझाने के लिए ही वे यह ट्रेनिंग देते हैं. रुएटर कहते हैं कि उनका लक्ष्य है कि इंसान और कुत्तों में एक तालमेल बने और वो एक टीम की तरह बर्ताव करें. वो सिखाते हैं कि कुत्तों की भाषा कैसे समझी जा सकती है और विश्वास कैसे जीता जा सकता है.
हंसते हंसते सीखें कुत्तों की जबान
मार्टिन अब लम्बे समय से पशु मनोविज्ञान सलाहकार के रूप में टीवी पर दिखते हैं. 2004 में उन्होंने कुत्तों के मालिकों के लिए एक मैनुअल तैयार किया था. इसके बाद वे लगातार जर्मन टीवी पर छाए रहे. कई टीवी चैनलों पर वो यह समझाते नजर आए कि इंसानों को कुत्तों से किस तरह पेश आना चाहिए. लोग भी इन्हें देखना खूब पसंद करते हैं.
रुएटर की लोकप्रियता की बड़ी वजह यह भी है कि उन्होंने कभी संजीदगी के साथ लोगों को अपनी बात समझाने की कोशिश नहीं की बल्कि वे लोगों को हंसते हंसाते अपनी बात कह जाते हैं. इसीलिए उन्हें जर्मनी के बेहतरीन कॉमेडियन के रूप में भी देखा जाता है. पिछले कुछ समय से उन्हें एक रिएलिटी शो में भी देखा जा रहा है जहां वो उन परिवारों से मिलते हैं जिन्हें अपने कुत्तों को पालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो.
हर परिवार की समस्याएं काफी अलग होती हैं. कभी कुत्ते अपने मालिकों की बात नहीं मानते हैं तो कभी बेहद आक्रामक होते हैं. रुएटर इन समस्याओं को हल करने के लिए कुत्तों के मालिकों को सब कुछ समझाते हैं. जर्मनी और ऑस्ट्रिया में कई विश्वविद्यालयों ने भी केई बार उन्हें आमंत्रित किया है ताकि वे छात्रों को पशु मनोविज्ञान के बारे में सिखा सकें.
रिपोर्ट: ईशा भाटिया
संपादन: एस गौड़