कैंसर चैरिटी से हटे आर्मस्ट्रांग
१७ अक्टूबर २०१२इसके साथ ही खेल उत्पाद बनाने वाली बड़ी कंपनी नाइक ने भी आर्मस्ट्रांग से नाता तोड़ लिया.दुनिया के सबसे सफल साइकिल सवार ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब अंतरराष्ट्रीय साइक्लिंग यूनियन पर इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि आखिर किस तरह से 41 साल के आर्मस्ट्रांग ने दसियों साल तक अपने ड्रग की बात छिपा कर रखी. आर्मस्ट्रांग करोड़ों लोगों के लिए आदर्श खिलाड़ी हैं. कैंसर के बेहद खतरनाक जाल से निकलने के बाद वह दुनिया की सबसे मुश्किल साइकिल रेस में शामिल हुए और लगातार सात बार इसके चैंपियन बने.
इसके बाद वह कैंसर के खिलाफ बनी चैरिटी के अध्यक्ष बने. लेकिन विवादों के बाद उन्होंने इसके चेयरमैन का पद छोड़ दिया. उनका कहना है, "चैरिटी को मेरी नकारात्मक छवि से बचाने के लिए ही मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है." ड्रग विवाद के बाद कहा जा रहा है कि आर्मस्ट्रांग फ्रांस का लगातार सात बार जीता गया खिताब भी गंवा सकते हैं.
अमेरिकी डोपिंग एजेंसी ने आर्मस्ट्रांग पर जीवन भर का प्रतिबंध लगा दिया है. एजेंसी ने 1000 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित की है. हालांकि आर्मस्ट्रांग ने ड्रग्स लेने के आरोप से खारिज किया है.
आर्मस्ट्रांग का कहना है कि उनके खिलाफ हमेशा से ऐसे आरोप लगते रहे हैं लेकिन कभी भी यह बात साबित नहीं हो पाई है लेकिन "अब वह इस मामले में और ज्यादा नहीं फंसना चाहते हैं." उन्होंने साफ कर दिया है कि वह किसी तरह का कानूनी कदम नहीं उठाएंगे.
चैरिटी से इस्तीफा देने के साथ ही नाइक ने भी आर्मस्ट्रांग से करार खत्म कर दिया. कंपनी का कहना है कि सालों तक आर्मस्ट्रांग ने उन्हें धोखे में रखा. एक बयान जारी कर कंपनी ने कहा, "हमें इस बात के सबूत मिले हैं कि लांस आर्मस्ट्रांग ने डोपिंग में हिस्सा लिया और हमें एक दशक से भी ज्यादा समय तक अंधेरे में रखा. बहुत खेद के साथ हमें कहना पड़ रहा है कि हम इस करार को खत्म कर रहे हैं."
हालांकि नाइक ने कहा है कि कैंसर के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी. लिवस्ट्रांग का मशहूर पीला बैंड 2004 में जारी किया गया था. ऐसे करीब आठ करोड़ बैंड बेचे जा चुके हैं. यह रंग पीली जर्सी से प्रभावित था, जो फ्रांसीसी रेस के साइकिल विजेता को मिलती है. लिवस्ट्रांग ने अमेरिका में 50 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की राशि जमा की है.
वीडी/एजेए (एएफपी, रॉयटर्स)