कैटरीना के पांच साल, अधूरी वापसी
३० अगस्त २०१०तेज़ हवाओं और कहर बरपाती बाढ़ वाले उस तूफ़ान ने इलाक़े के 1800 से अधिक लोगों की जान ले ली थी, लगभग 125 अरब डॉलर का नुक़सान पहुंचाया था और न्यू ऑर्लीन्स शहर को पूरी तरह तबाह कर दिया था.
यह कड़वी याद लोगों के दिलों में आज भी ताज़ा है कि अमेरिका सरकार ने उस महाविपदा का सामना करने में आवश्यक फुर्ती नहीं दिखाई थी. सरकार की अकुशलता की अनगिनत कहानियों और उनसे हुए नुक़सान के धाव आज भी सालते है. तूफ़ान के सप्ताहों बाद तक, आहार या आसरे के बिना बाढ़ में फंसे लोगों के विडियो और तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखी थीं.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को न्यू ऑर्लीन्स की ज़ेवियर यूनिवर्सिटी ऑव लुइज़ियाना में सरकार की उस घोर लापरवाही की ओर संकेत करते हुए कहा कि कैटरीना केवल प्रकृति के कोप का नतीजा नहीं था, "बेशक वह एक प्राकृतिक आपदा थी, लेकिन साथ ही वह भारी विपदा एक इन्सानी कार्रवाई भी थी- सरकारी व्यवस्था की एक शर्मनाक असफलता, जिसने मुसीबत में घिरे अनगिनत स्त्री-पुरुषों और बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया था."
लेकिन ओबामा ने न्यू ऑर्लीन्स के, बर्बादी की उन तहों से उबरने की कहानी का भी ज़िक्र किया कि कैसे शहर के लोगों ने एक तहस-नहस शहर को अपनी हिम्मत और मेहनत के बल पर फिर से अपने पांवों पर खड़ा किया है, "आप लोगों के कारण न्यू ऑर्लीन्स लौट रहा है. पांच साल पहले कई लोगों ने इस बारे में संदेह जताया था कि लोग फिर कभी भी इस शहर में वापस आएंगे. आज न्यू ऑर्लीन्स अमेरिका के सबसे तेज़ी से विकसित शहरों में से एक है, जहां छोटे उद्योगों में एक बड़ी तेज़ी आई है."
इस अवसर पर ओबामा अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करने से भी नहीं चूके. यह कि उसने लोगों को उनके अस्थायी घरों से निकालकर बसाने, स्कूलों और बहाली-योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था करने, और बांध-प्रणाली का पुनर्निर्माण करने में सहायता की है. ओबामा ने कहा कि हर सौ सालों के बाद आने वाले किसी तूफ़ान से शहर की रक्षा के लिए एक अधिक मज़बूत बांध-प्रणाली का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा.
रिपोर्टः गुलशन मधुर, वॉशिंगटन
संपादनः आभा एम