1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कॉप्टिक ईसाइयों के साथ झड़प के बाद कड़ी सुरक्षा

३ जनवरी २०११

कॉप्टिक क्रिसमस से पहले मिस्र में पूरी सुरक्षा चौकसी है. नए साल के दिन सिकंदरिया के चर्च पर हुए बम हमले में 21 लोग मारे गए थे. रविवार को काहिरा और सिकंदरिया में सुरक्षा बलों तथा कॉप्टिक ईसाइयों के बीच हिंसक झड़पें हुई

https://p.dw.com/p/zt2P
मिस्र में ईसाइयों का प्रदर्शनतस्वीर: AP

मिस्र में चौकसी का यह आलम है कि पुलिस ने उच्चाधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और हवाई अड्डों तथा बंदरगाहों पर निगरानी बढ़ा दी है ताकि संदिग्ध लोग भाग न पाएं. पुलिस ने कहा है कि 7 जनवरी को होने वाले कॉप्टिक क्रिसमस से पहले चर्चों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

रविवार को काहिरा में कॉप्टिक नेता पोप शेनूदा तृतीय के मुख्यालय सेंट मार्क कैथीड्रल पर पुलिस के साथ हुई झड़प में 45 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारियों ने एक मंत्री पर पत्थरबाजी की जो पोप से मिलने आए थे, जबकि दूसरे प्रदर्शनकारियों ने राजधानी की कई सड़कों की नाकेबंदी कर दी.

सोमवार को हिंसा खत्म हो गई लेकिन 30 प्रदर्शनकारियों ने बम धमाके में हुए नुकसान की मरम्मत नहीं होने दी और कहा कि मरने वालों के खून हमले की यादगार के लिए वहां रहने चाहिए. लकड़ी के ताबूत लेकर 50 प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय काहिरा में प्रदर्शन किया.

सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि हमले के सिलसिले में 20 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उनमें से कोई सीधे हमले से जुड़ा हुआ है. हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. दो महीने पहले अल कायदा से जुड़े एक गिरोह ने, जिसने इराक में एक चर्च में अपहरण कांड की जिम्मेदारी ली थी, कॉप्टिक ईसाइयों को धमकी दी थी.

इधर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने मिस्र में चर्च पर हुए हमले को बर्बर बताया है. मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को लिखे गए संवेदना संदेश में मैर्केल ने कहा, "मुझे सिकंदरिया के चर्च पर नृशंस हमले की सूचना पर घृणा और रोष हुआ है." जर्मन चांसलर ने उम्मीद जताई कि मिस्र की सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव उपाय करेगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल