कोई सरहद ना इन्हें रोके!
शरणार्थियों को देश में आने से रोकने के लिए हंगरी अपनी सीमा पर तार बाड़ लगा रहा है. पहले सर्बिया से लगी सीमा पर ऐसा किया गया और अब क्रोएशिया की सरहद को भी सील किया जा रहा है.
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने शुक्रवार को सरकारी रेडियो को दिए इंटरव्यू में कहा, "रात में ही सरहद बंद करने का काम शुरू कर दिया गया था. ऐसा लगता है कि हम किसी से मदद की उम्मीद नहीं कर सकते." ओरबान का इशारा यूरोपीय संघ की ओर था, जो शरणार्थियों के आने पर रोक लगाने के खिलाफ है.
ओरबान ने बहुत साफ शब्दों में कहा, "हम अपनी सरहदों की रक्षा करेंगे." उन्होंने कहा कि रात में 600 सिपाहियों को सरहद पर तैनात कर दिया गया था, शुक्रवार को 500 अन्य सैनिक पहुंचेंगे और वीकेंड के अंत तक करीब 1800 सैनिक और 600 पुलिसकर्मी सरहद पर पहरा दे रहे होंगे.
हंगरी और क्रोएशिया के बीच 330 किलोमीटर लंबी सरहद है. इसमें से 41 किलोमीटर में बाड़ लगाई जा रही है. बाकी के इलाके में द्रावा नदी बहती है, जिसे पार करना वैसे भी मुश्किल है. पिछले हफ्ते सर्बिया की सीमा को सील करने के बाद 13,000 शरणार्थी क्रोएशिया के रास्ते हंगरी में प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे हैं. इन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.
बहुत से लोग जेब में इस तरह के पर्चे ले कर अपने घर से निकले हैं. वे नहीं जानते कि मंजिल तक कैसे पहुंचना है. जहां बाकी साथियों को जाते देखा, उनके साथ चल दिए. बस, ट्रेन, नाव, और पैदल, हर तरह से वे यूरोप तक का रास्ता तय कर रहे हैं.
सर्बिया की सीमा पर जब कुछ लोगों ने बाड़ तोड़ कर देश में प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार कर उन्हें रोका. पुलिस के बर्ताव से हंगरी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हो रही है. कुछ दिन पहले हंगरी की ही एक पत्रकार का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उसे शरणार्थियों को मारते हुए देखा गया.
बाड़ तोड़ कर आए लोगों ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में अपना बचाव करने के लिए पत्थरबाजी भी की. दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाले हंगरी के प्रधानमंत्री ओरबान कह चुके हैं, "जो देश अपनी सरहद की रक्षा करना नहीं जानता, वह देश नहीं है."