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कोच्चि की किस्मत का फैसला कल

४ दिसम्बर २०१०

शेयरों के बंटवारे के विवाद में फंसी आईपीएल की कोच्चि के लिए रविवार अहम दिन साबित हो सकता है. आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कोच्चि फ्रेंचाइजी के भाग्य का फैसला होगा. गायकवाड़ परिवार की हिस्सेदारी घटी.

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पिछले हफ्ते कोच्चि फ्रेंचाइजी के निवेशकों ने आखिरी पलों में शेयरों पर सहमति बना ली जिसके चलते गवर्निंग काउंसिल ने अपना फैसला तीसरी बार टाल दिया था. सात महीने पहले कोच्चि आईपीएल में दूसरी सबसे महंगी टीम बन गई थी लेकिन फिर कोच्चि समूह में शेयरों को लेकर निवेशकों में विवाद हो गया जिसके चलते ऐसा मौका भी आया जब कोच्चि को आईपीएल से बाहर निकाले जाने की आशंका भी पैदा हो गई.

कोच्चि फ्रेंचाइजी के निवेशकों एंकर अर्थ, परिनी डेवलपर्स, रोसी ब्लू और फिल्म वेव करीब 74 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं जबकि बाकी 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी गायकवाड़ परिवार के पास है. यह हिस्सेदारी फ्री इक्विटी के रूप में उन्हें मुहैया कराई गई क्योंकि नीलामी के समय गायकवाड़ परिवार ने अपनी सेवाएं कोच्चि निवेशकों को दी थीं. लेकिन फ्रेंचाइजी मिलने के बाद 26 फीसदी की फ्री इक्विटी पर विवाद हो गया और निवेशक गायकवाड़ परिवार को फ्री इक्विटी देने के मूड में नहीं हैं.

गायकवाड़ परिवार पहले इस हिस्सेदारी को वापस करने से इनकार कर रहा था लेकिन विवाद गहराने और आईपीएल से निकलने की आशंका के बाद करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी लौटाने पर सहमति जता चुका है. कोच्चि फ्रेंचाइजी को 1533 करोड़ रुपये में खरीदा गया था. सूत्रों का कहना है कि गायकवाड़ परिवार के पास अब कोच्चि फ्रेंचाइजी में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी होगी.

दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए थे जिसके खिलाफ दोनों टीमों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. बीसीसीआई का कहना है कि दोनों फ्रेंचाइजी ने कॉन्ट्रैक्ट के नियमों का उल्लंघन किया है. अदालत ने बीसीसीआई के फैसले के खिलाफ स्टे ऑर्डर दे दिया.

जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण ने दोनों टीमों के करार रद्द किए जाने को पहली नजर में गैरकानूनी बता कर गलत ठहराया है. वैसे किंग्स इलेवन पंजाब के मामले में जस्टिस श्रीकृष्ण सुनवाई नहीं करेंगे क्योंकि बीसीसीआई ने आपत्ति जताई थी कि श्रीकृष्णा बॉम्बे डाइंग के मालिक नुस्ली वाडिया की एक मामले में पैरवी कर चुके हैं. वाडिया की किंग्स इलेवन में हिस्सेदारी है जिससे जस्टिस श्रीकृष्ण के सामने हितों के टकराव का मसला खड़ा हो सकता था.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी फ्रेंचाइजी से कहा है कि वे अपने खिलाड़ियों की लिस्ट बीसीसीआई को 6 दिसंबर के बजाए 8 दिसंबर तक दे सकते हैं. आईपीएल टीमों को अधिकार है कि वे अपने चुनिंदा पुराने खिलाड़ियों को अपने पास रखें. बाकी के खिलाड़ियों के लिए नए सिरे से बोली लगेगी. आईपीएल का चौथा संस्करण वर्ल्ड कप के सिर्फ 6 दिन बाद 8 अप्रैल को शुरू होना है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल