कोबरा गोल्ड कंमाडो ट्रेनिंग
थाईलैंड के जंगलों में अमेरिकी सेना की प्रशांत कमांड के सैनिक थाई सेना के साथ खास कंमाडो ट्रेनिंग करते हैं. देखिए, कितनी मुश्किल होती है ये ट्रेनिंग. इसकी कुछ तस्वीरें विचलित कर सकती हैं.
कोबरा गोल्ड कही जाने वाली इस ट्रेनिंग में 2019 में अमेरिका और थाईलैंड के साथ करीब 29 देशों की सेनाओं ने हिस्सा लिया. ट्रेनिंग के दौरान सैनिक जंगल में सांप, बिच्छू और मकड़ी समेत कई विषैले कीटों के साथ रहते हैं.
इस तस्वीर में सैनिक ने एक सांप को अपने दांतों से काटा. सांप का विष भरा दांत पहले ही निकाला जा चुका है. इस ट्रेनिंग का मकसद सैनिकों के मन से सांप के डर को धीरे धीरे भगाना है.
सैनिक अभ्यास के दौरान सैनिकों के ट्रेन करने के लिए शिविर में 29 कोबरा लाए गए थे. हालांकि इन सभी की दांतों से विष निकाल लिया गया था.
अभ्यास का लक्ष्य है विषम परिस्थितियों में जीवित रहना. जंगल में कंमाडो ऑपरेशन के दौरान सैनिकों को अक्सर आस पास मौजूद चीजों को खाना पड़ता है, फिर वह मकड़ी ही क्यों न हो.
जंगल में जिंदा रहने के लिए सांप को भी काटकर खाना पड़ सकता है. सैनिक अक्सर सांप का खून भी पी जाते हैं.
सांप का खून पीने के बाद उसका मांस खाने की बारी आती है. सैनिकों को एक के बाद एक बाइट लेनी पड़ती है.
कैंप के दौरान सैनिकों को जंगल में मिलने वाले कई तरह के भोजन की जानकारी दी जाती है. यह तस्वीर मकड़ी के अंडों की है.
इस तस्वीर में सैन्य अभ्यास में शामिल सैनिकों को सांप पकड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
पानी सिर्फ जलधाराओं में ही नहीं होता. कई पेड़ और पत्ते भी पानी स्टोर किए रहते हैं.
इस तस्वीर में कमांडर सैनिकों को सिखा रहा है कि अलग अलग चीजों में मुट्ठी भर चावल कैसे पकाया जाए. 12 दिनों की ट्रेनिंग के दौरान हर सैनिक के पास थोड़ा बहुत चावल होता है.
यह सैनिक मिट्टी में मिलने वाले कीड़े को खा रहा है. युद्ध के दौरान जंगल में क्या मिलेगा, ये किसी को नहीं पता इसीलिए हर तरह का खाना खाने का अभ्यास होना चाहिए.