कौन है सचिन, अंजलि को नहीं था पता
१४ नवम्बर २००९1995 में सचिन से शादी से करने वाली अंजलि कहती हैं, "मैं पहली बार उनसे मुंबई एयरपोर्ट पर मिली और वह 1990 में इंग्लैंड के अपने पहले दौरे से लौट रहे थे जहां वह पहली बार बड़ा कारनामा करके लौटे थे. असल में जब मैंने पहली बार उन्हें देखा तो पता नहीं था कि वह कौन हैं. यह बस एक संयोग था." अंजलि बताती हैं कि उस वक़्त वह अपनी मां को लेने एयरपोर्ट पर गई थीं. वहीं पहली बार दोनों की मुलाक़ात हुई. वह बताती हैं, "पांच साल तक हमारा इश्क चलता रहा और 1995 में हमने न्यूज़ीलैंड में शादी की. इससे एक साल पहले 1994 में हमारी सगाई हुई. यह न्यूज़ीलैंड की बात है."
क्रिकेट की दुनिया से बेख़बर रहने वाली अंजिल की मुलाक़ातें जब सचिन से बढ़ने लगी तो उन्होंने क्रिकेट के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया. लेकिन मास्टर ब्लास्टर को यह क़तई पसंद नहीं आता है कि कोई घर पर भी क्रिकेट की ही बात करे. वह बताती हैं, "मुझे लगता है कि पहली बार मिलने पर जो बात उन्हें मुझमें पसंद आई वह यह कि मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता. लेकिन उसके बाद तो मैंने क्रिकेट के बारे में सब कुछ पढ़ा. मुझे सारी फ़ील्डिंग पॉज़िशंस के बारे में पता चला. लेकिन उन्हें यह ज़रा पसंद नहीं आता कि मैं घर पर क्रिकेट की बात करूं. लेकिन जब कभी वह उदास होते हैं तो मैं उनसे क्रिकेट की बात करती हूं. लेकिन यह बातें क्रिकेट की नहीं, उससे जुड़ी हुई होती हैं."
जब अंजलि से पूछा गया कि क्या सचिन की शोहरत सिनेमा में फ़िल्म देखने जैसी छोटी छोटी बातों में बाधा बनती है, इस पर अंजलि पुराने दिनों को याद करती हैं. वह कहती हैं, "हम रोजा फ़िल्म देखने गए थे. मैं उस वक़्त मेडिसिन की पढ़ाई कर रही थी. मेरे कुछ दोस्तों ने फ़िल्म देखने का प्लान बनाया. सचिन ने मुझे बताने की कोशिश की कि मुश्किल होगी, लेकिन मैंने ज़ोर दिया कि वह हमारे साथ आएं. कोई उन्हें पहचान न, इसके लिए हमने उनके चेहरे पर दाढ़ी लगा दी. साथ ही उन्होंने चश्मा भी पहन लिया. हमने फ़िल्म का पहला हिस्सा देखा, लेकिन इंटरवल के दौरान सचिन का चश्मा गिर गया और लोगों ने उन्हें पहचान लिया. फिर बवाल मच गया और हमें वहां से निकलना पडा." अंजलि ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ इंटरव्यू में ये बातें कहीं.
पेशे से डॉक्टर अंजलि ने सचिन की ख़ातिर अपना करियर छोड़ दिया और शादी के 14 साल बाद उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है. वह कहती हैं, "मैंने अपनी पढ़ाई और सरकारी अस्पताल में काम के हर पल से प्यार किया. फिर वह पड़ाव आया जब मुझे महसूस हुआ कि मैं सचिन से शादी नहीं कर पाऊंगी और अपना करियर बनाऊं. यह संभव नहीं था क्योंकि वह हर चीज़ के लिए मुझ पर निर्भर हैं. यह मेरा फ़ैसला था. मैंने सोचा मुझे उनके साथ घर पर रहना चाहिए ताकि वह एक परफ़ेक्ट पुरुष बन सकें."
अंजलि बताती हैं सचिन के बचपन में उनके भाई अजित ने उनके लिए बहुत त्याग किया. इसी से अंजलि को लगा कि अब यह भूमिका उन्हें निभानी चाहिए. वह कहती हैं, "मेरी नौकरी 9 से 5 होती. मैं एक बाल रोग विशेषज्ञ हूं. अगर कोई मरीज़ मुझे रात बिरात बुलाएगा, या फिर कोई अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती है तो मुझे जाना पड़ेगा. लेकिन सचिन घर पर नहीं है तो दो बच्चों को छोड़कर कैसे जा सकती हूं. यह संभव नहीं होता. इसलिए मैंने फ़ैसला किया और मुझे इसका कोई अफ़सोस नहीं है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस जोशी