क्या क्या है, नए सौर मंडल ट्रैपिस्ट-1 में
पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद सौर मंडल तो मिल चुका है. लेकिन क्या वहां तक पहुंचना और वहां जीना मुमकिन होगा?
सुरक्षित दूरी
ट्रैपिस्ट-1 सौर मंडल में सात ग्रह हैं. इनमें से तीन (D, E, F) सुरक्षित दूरी बनाए हुए अपनी अपनी कक्षाओं में हैं. वैज्ञानिकों को लगता है कि इनमें से किसी एक में पानी तरल अवस्था में मौजूद है.
जीवन की संभावना
ट्रैपिस्ट-1 कहे जा रहे सौर मंडल में धरती जैसे तीन ग्रह हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर वे ग्रह धरती जैसे हैं तो क्या वहां भी जीवन होगा.
गुरुत्वबल भी मौजूद
दुनिया भर के खगोलविद अब तक ब्रह्मांड में धरती जैसे दिखते 3,500 ग्रह खोज चुके हैं. लेकिन ट्रैपिस्ट-1 को अब तक की सबसे विश्वसनीय खोज बताया जा रहा है. इन ग्रहों में धरती की तरह गुरुत्वबल भी मौजूद है.
चट्टानी बनावट
ट्रैपिस्ट-1 सौरमंडल की खासियत यह भी है कि इसमें चक्कर काट रहे ग्रह चट्टानों से बने हैं. सभी सात ग्रहों का एक ही सूर्य है. हमारे सौर मंडल से मिलता जुलता यह अकेला सौर मंडल है.
किशोर सौर मंडल
ट्रैपिस्ट-1 तुलनात्मक रूप से नया सौर मंडल लगता है. अनुमान है कि यह 50 करोड़ साल पुराना है. अगले 10,000 अरब साल यह अस्तित्व में रहेगा.
कल्पनाओं में ट्रैपिस्ट-1
अभी वहां तक सिर्फ इंसान की नजर पहुंची हैं. इंसान ट्रैपिस्ट-1 तक शायद कभी न पहुंच सकें. 4.1 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर पहुंचना फिलहाल नामुमकिन सा है.