क्या क्रिकेट का कत्ल है आईपीएल?
२५ मई २०११मुंबई में 2 अप्रैल को खत्म हुए वर्ल्ड कप के छह दिन बाद ही आईपीएल शुरू हो गया था. यह आने वाले शनिवार को चेन्नई में खेले जाने वाले फाइनल के साथ खत्म होगा जो टूर्नामेंट का 74वां मैच होगा. 2008 में शुरू होने के बाद से आईपीएल ने क्रिकेट में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं.
अंतरराष्ट्रीय सितारों को एक मैदान पर जमा करने से लेकर टी20 जैसा फटाफट क्रिकेट और बॉलीवुड का तड़का क्रिकेट में इतना करारा पहले कभी नहीं था. लेकिन इस साल के आईपीएल से ऐसे संकेत मिले हैं कि यह करारापन क्रिकेट को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि मैदान और टीवी दोनों पर क्रिकेट देखने वाले घट रहे हैं.
दर्शक घटे, कीमत घटी
ब्रिटेन की कंसल्टेंसी सर्विस देने वाली संस्था ब्रैंड फाइनैंस ने एक सर्वे किया है जिसमें पता लगा है कि पिछले साल के मुकाबले आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू 11 फीसदी तक गिर चुकी है. पिछले साल आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू 4.13 अरब डॉलर थी जो इस साल घटकर 3.67 डॉलर रह गई है.
भारत की टेलीविजन रेटिंग करने वाली एजेंसी टैम के मुताबिक छह मुख्य शहरों में आईपीएल के पहले 26 मैचों की रेटिंग में ही 22 फीसदी की कमी हो चुकी थी. इसकी एक बड़ी वजह बहुत ज्यादा क्रिकेट को बताया जा रहा है क्योंकि भारत ने अपनी ही जमीन पर शानदार तरीके से वर्ल्ड कप जीता था. इस जीत का जमकर जश्न मनाया गया था, जो एक तरीके से भारत में क्रिकेट का चरम रोमांच था.
बदलाव से नुकसान
कुछ लोग युवराज जैसे सितारों पर भी उंगली उठा रहे हैं जिनकी टीमें बदलने की वजह से खास टीम के फैन्स को उलझन हुई.
स्टेडियम में टिकटें बिकने के आधिकारिक आंकड़े तो जारी नहीं किए गए हैं लेकिन देखा जा सकता था कि शाम का वक्त होने के बावजूद बहुत से मैचों में स्टेडियम खाली रहे. दो नई टीमों के शामिल किए जाने से यह बात भी उठी कि टूर्नामेंट बहुत लंबा होता जा रहा है. मुंबई की एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी कॉर्नरस्टोन के चीफ एग्जेक्यूटिव बंटी साजदेह कहते हैं, "क्रिकेट की हद हो रही है. किसी भी भारतीय फैन के लिए वर्ल्ड कप जीतना सबसे बड़ी बात थी. उसके आगे कोई भी चीज छोटी है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उभ